6 फीट की दूरी फिर भी खतरा बरकरार, संक्रमण फैलने के लिए ऑफिस सबसे ज्यादा खतरनाक- कोरोना पर नई गाइडलाइंस
अमेरिकन एजेंसी सीडीसी ने कहा है कि कोरोना वायरस का ट्रांसफर सिर्फ नजदीक आने से ही नहीं बल्कि 6 फीट से ज्यादा दूरी पर खड़े शख्स तक भी हवा के जरिए ये वायरस पहुंच सकता है।
वॉशिंगटन, मई 09: कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में सैकड़ों रिसर्च चल रहे हैं जिसके आधार पर नई गाइडलाइंस बनाई जाती है। अब अमेरिका की महामारी रोकथाम संस्था ने कहा है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए 6 फीट की दूरी भी पर्याप्त नहीं है और 6 फीट की दूरी के अंदर एक शख्स से दूसरे शख्स में कोरोना वायरस फैल सकता है। यूएस सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेन्सन यानि सीडीसी ने शुक्रवार को नया गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा है कि 6 फीट की दूरी तक कोरोना वायरस हवा के जरिए एक शख्स से दूसरे शख्स में फैल सकता है।
6 फीट की दूरी भी नहीं पर्याप्त
अमेरिकन एजेंसी सीडीसी ने कहा है कि कोरोना वायरस का ट्रांसफर सिर्फ नजदीक आने से ही नहीं बल्कि 6 फीट से ज्यादा दूरी पर खड़े शख्स तक भी हवा के जरिए ये वायरस पहुंच सकता है। और सांस के द्वारा दूसरे शख्स को ये वायरस संक्रमित कर सकता है। सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हवा के अंदर ये वायरस ज्यादा देर तक मौजूद रहने लगा है और ये वायरस हवा में 6 फीट से ज्यादा की दूरी तय कर सकता है। ऐसे में अगर कोई आदमी सार्वजनिक जगहों पर जाते हैं तो उन्हें कम से कम 6 फीट की दूरी बनाकर रखनी चाहिए। अमेरिका में सीडीसी ने इसके लिए नया गाइडलाइंस भी जारी कर दिया है। इसके साथ ही सीडीसी ने अपने पहले गाइडलाइंस को चेज कर दिया है। हालांकि, सीडीसी ने ये भी कहा है कि अभी भी ये वायरस सांस के द्वारा ही दूसरे लोगों को संक्रमित करता है, लिहाजा मास्क लगाना बेहद जरूरी है। सीडीसी ने कहा है कि 'कोरोना वायरस फैलने का मुख्य तरीका सांस के जरिए ही शरीर के अंदर जाना है। सांस के जरिए ही संक्रमित व्यक्ति के नाक से ये वायरस हवा में आता है और किसी दूसरे आदमी को संक्रमित करता है'।
नई गाइडलाइंस और चिंता
सीडीसी की गाइडलाइंस आने के बाद कुछ एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है कि एयरबॉर्न एयरोसोल को लेकर सीडीसी ने कोताही बरती है। वहीं नये गाइडलाइंस में कहा गया है कि ना सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का दायरा 6 फीट से ज्यादा होना चाहिए बल्कि घरों के अंदर भी वेंटिलेटर अनिवार्य तौर पर होना चाहिए। सीडीसी की रिपोर्ट के बाद डॉक्टरों ने कहा है कि सीडीसी की नई सूचना के आधार पर यह कहा जा सकता है कि दफ्तर और बंद कमरे कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने में मदद कर सकते हैं। सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हवा में मौजूद सूक्ष्म कमों में घंटो तक कोरोना वायरस एक्टिव रह सकता है और दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस ऐसे जगहों पर ज्यादा देर तक एक्टिव रह सकता है, जहां खुली हवा नहीं पहुंचती हो।
लैसेंट ने भी की थी पुष्टि
कुछ दिन पहले प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लेसेंट ने भी कहा था कि हवा के जरिए वायरस के फैलने की पुष्टि की गई है। लेसेंट ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि हवा के जरिए ये वायरस एक एक शख्स से दूसरे शख्स तक पहुंच सकता है। वहीं, वर्जिनिया यूनिवर्सिटची के एरोसोव एक्सपर्ट लिन्से मार ने कहा है कि 'दफ्तरों को लेकर काफी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि दफ्तरों में खुली हवा का पहुंचना नामुमिकन होता है, लिहादा अगर एक शख्स भी कोरोना संक्रमण का शिकार हआ तो वो हवा के जरिए अपने दफ्तर में कई लोगों को एक ही बार में संक्रमित कर सकता है। जिसकी वजह से दफ्तरों में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारी खतरे में आ सकते हैं।'
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