वेनेजुएला में कैश क्रंच: हेयरकट के लिए केले, टैक्सी ड्राइवर को सिगरेट का पैकेट देकर निकल रहे हैं बुरे दिन
काराकास। निकोलस मादुरो 2013 से वेनेजुएला की सत्ता संभाल रहे हैं और इस बार मई 2018 में जब वे फिर से राष्ट्रपति बने तब तक तो उन्होंने अपने देश की अर्थव्यवस्था को बंटाधार कर डाला। वेनेजुएला इस वक्त सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है, जहां लोगों को अपनी आधारभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए फूड आइटम्स तक देना पड़ा रहा है। तीन महीने पहले की बात है, जब एक कप कॉफी की कीमत एक महीने की वेतन जितनी हो गई थी। अब स्थिति यह है कि लोगों को टैक्सी ड्राइवर के लिए एक सिगरेट का पैकेट तो बाल कटवाने के लिए 5 केले देकर तो कुछ लोग दो अंडे देकर अपना काम निकाल रहे हैं।
दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में मुद्रास्फीति में भारी वृद्धि के कारण करेंसी की वेल्यू को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। लोगों को फूड और मेडिकल जैसी बुनियादी वस्तुओं के लिए भी अपनी वस्तुओं को देकर जरूरतों को पूरा करना पड़ा रहा है। कैश की कमी की वजह से वेनेजुएला मे व्यापारियों को एक बैंक से दूसरे बैंक और कार्ड से पैमेंट कर कट्रांजेक्शन करना पड़ रहा।
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कभी लातिन अमेरिका का सबसे धनी मुल्क रहा वेनेजुएला इस बार विकट आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऑयल रिजर्व के मामले में वेनेजुएला दुनिया में पहलें नंबर पर है, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए इस मुल्क का भविष्य अधर में दिखाई पड़ रहा है। पटरी से उतर चुकी वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था ने लोगों को कैश, फूड और बुनियादी जरुरतों के लिए संघर्ष करने के लिए मजबूर कर दिया है।
क्या
है
समस्या?
भारी
मुद्रास्फीति
के
वजह
से
वेनेजुएला
में
कैश
क्रंच
जैसी
परिस्थितियां
बन
चुकी
है।
लोगों
के
पास
कैश
नहीं
है,
इसलिए
उनको
अपनी
बुनियादी
जरूरतों
और
सेवाओं
के
लिए
फूड
आइटम्स
देकर
पूरा
करना
पड़
रहा
है।
शहरों
में
लोग
कैश
डेबिट
कार्ड
या
बैंक
ट्रांसफर
से
अपना
काम
चला
रहे
हैं,
लेकिन
गांवों
और
छोटे
शहरों
में
लोगों
को
काफी
दिक्कतों
का
सामना
करना
पड़
रहा
है।
यह
कैसे
शुरू
हुआ?
वेनेजुएला
पिछले
कुछ
माह
से
आर्थिक
संकट
से
जूझ
रहा
है।
2015-2017
में
निकलोस
मादुरो
की
सरकार
में
आर्थिक
संकट
की
वजह
से
10
लोगों
को
माइग्रेट
होने
के
लिए
मजबूर
होना
पड़ा
है।
मादुरे
इसी
साल
मई
में
फिर
से
वेनेजुएला
के
राष्ट्रपति
बनकर
आए,
तभी
उन्होंने
अमेरिका
और
विपक्ष
को
आर्थिक
लड़ाई
के
लिए
जिम्मेदार
ठहराया
था।
मादूरे
के
मुताबिक,
अमेरिका
की
वजह
से
उनके
देश
में
महंगाई
बढ़ी
है।
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