क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क़िस्सा मां-बेटे के बीच एक अजीब मुक़दमे का

ऐसे कम ही सुनने में आता है कि मां-बाप को बच्चों पर केस करना पड़े. ये मुक़दमा काफ़ी दिलचस्प है.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
दंत चिकित्सक, डेंटिस्ट, मां, बेटा, कॉन्ट्रैक्ट, कोर्ट, मुआवज़ा
Getty Images
दंत चिकित्सक, डेंटिस्ट, मां, बेटा, कॉन्ट्रैक्ट, कोर्ट, मुआवज़ा

क्या आपने कभी ये सुना है कोई बेटा या बेटी अपने मां-बाप को इसलिए पैसे दे क्योंकि उन्होंने उसे पाल-पोसकर बड़ा किया है?

बात थोड़ी अजीब ज़रूर है लेकिन ताइवान में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. ताइवान की शीर्ष अदालत ने एक शख़्स को इसी आधार पर अपनी मां को पैसे देने का आदेश दिया है.

अदालत का कहना है कि मां ने इस शख़्स को पाल-पोसकर बड़ा किया और उसकी डेंटिस्ट की ट्रेनिंग पूरी कराई, इसके बदले में अब उसे अपनी मां को पैसे देने होंगे.

आदेश के अनुसार इस डेंटिस्ट को अपनी मां को लगभग 6 करोड़ 10 लाख रुपये देने होंगे.

मां-बेटे के बीच हुआ था कॉन्ट्रैक्ट

दरअसल, इस शख़्स की मां ने 1997 में अपने बेटे के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था. उस समय यह शख़्स 20 साल का था.

कॉन्ट्रैक्ट में लिखा था कि जब भी उसका बेटा की नौकरी करने लगेगा, वह अपनी मासिक आय का 60 फ़ीसदी अपनी मां को देगा.

कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के बावजूद यह शख़्स सालों से अपनी मां को कोई धनराशि नहीं दे रहा था.

एक ओर जहां मां कॉन्ट्रैक्ट का वास्ता दे रही है वहीं बेटे का कहना है कि क्या कोई मां बच्चे को पाल-पोसकर बड़ा करने के बदले पैसे की मांग करती है?

हालांकि कोर्ट भी कॉन्ट्रैक्ट को देखते हुए मां के ही साथ है. कोर्ट ने बेटे को आदेश दिया है कि वो अपनी मां को अब तक हो चुकी पूरी रक़म ब्याज सहित दे.

दंत चिकित्सक, डेंटिस्ट, मां, बेटा, कॉन्ट्रैक्ट, कोर्ट, मुआवज़ा
PA
दंत चिकित्सक, डेंटिस्ट, मां, बेटा, कॉन्ट्रैक्ट, कोर्ट, मुआवज़ा

ऐसे सुलझा मामला

मां की पहचान सिर्फ़ लुओ सरनेम से ही हो सकी है. लुओ के दो बेटे हैं और पति से तलाक़ हो जाने के बाद दोनों बेटों को उन्होंने अकेले ही बड़ा किया है.

लुओ का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों की डेंटिस्ट बनाने की ट्रेनिंग पर सैकड़ों-हज़ारों डॉलर ख़र्च किए लेकिन उन्हें इस बात की चिंता भी रही कि उनके बच्चे बुढ़ापे में उनका ख़्याल रखेंगे या नहीं.

इसी चिंता के चलते मिस लुओ ने दोनों बेटों से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया था कि जब वे कमाने लगेंगे तो उन्हें कमाई का एक हिस्सा देंगे.

स्थानीय मीडिया की ख़बर के अनुसार, लुओ के बड़े बेटे ने मां के साथ कम धनराशि में समझौता कर लिया है और उनके बीच मामला निपट चुका है.

वहीं लुओ के छोटे बेटे चू का कहना है कि जब उन्होंने ये कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था तब उनकी उम्र बहुत कम थी, इस लिहाज़ से कॉन्ट्रैक्ट को अवैध मान लेना चाहिए.

छोटे बेटे चू का कहना है कि ग्रैजुएशन करने के बाद से उन्होंने कई सालों तक मां के ही डेंटल क्लीनिक में काम किया.

उनका कहना है कि इस दौरान उनकी मां ने काफ़ी पैसे कमाए और ये रक़म उस रक़म से कहीं अधिक थी जिसकी मांग आज उनकी मां कर रही हैं.

क्या कहती है अदालत?

सर्वोच्च न्यायालय की प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि जजों के इस फ़ैसले के पीछे मुख्य वजह वो कॉन्ट्रैक्ट है जो उनके बेटों ने साइन किया था.

उनका छोटा बेटा उस समय बालिग था और उस पर किसी तरह का दबाव नहीं था.

ताइवान के सिविल कानून के तहत बुजुर्ग मां-बाप बालिग बच्चों की ज़िम्मेदारी होते हैं.

बावजूद इसके बहुत से बुज़ुर्ग मां-बाप अपने उन बच्चों के ख़िलाफ़ कभी कोई कदम नहीं उठाते जो ज़िम्मेदारी उठाने से मना कर देते हैं.

हालांकि ये मामला बिल्कुल ही अलग क़िस्म का है क्योंकि यह एक मां और उसके बेटे के बीच कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा हुआ है.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Casey mother-son between a strange case
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X