भारत को छोड़ चीन और ब्राजील की तरफ चला 'कैरफ़ोर'
उम्मीद से कम मिली सफलता
फ्रांसीसी खुदरा कंपनी कैरफ़ोर ने लगभग चार साल पहले भारत में अपना पहला स्टोर खोला था। कंपनी ने भारत में तीन अरब रुपए का निवेश किया था। लेकिन उम्मीद के मुताबिक फायदा न होते देख कंपनी की ओर से बयान जारी किया गया कि कंपनी पांचों थोक स्टोर बंद करने की तैयारी कर चुकी है।
कैरफोर दुनिया की सबसे बडी़ खुदरा कंपनियों में से एक है। कंपनी को पिछले कुछ समय में सिंगापुर, मलेशिया और ग्रीस जैसे देशों में भी अपना बिजनेस खत्म कर दिया है। इन देशों में भी उसे उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल सकी थी।
खुदरा क्षेत्रों में विदेशी निवेश नहीं
केंद्र में आई एनडीए सरकार भी स्थानीय दुकानदारों का हित देखते हुए खुदरा क्षेत्रों में विदेशी निवेश के पक्ष में नहीं है। खुदरा क्षेत्र की सलाहकार एजेंसी थर्ड आई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवांगशु दत्ता ने कहा है कि, 'जो कंपनियां बाजार में नुकसान नहीं उठाना चाहती, वे या तो अपना कारोबार रोक दें या बोरिया बिस्तर बांध लें। '
कैरफोर अपनी परिसंपत्तियों की बिक्री को लेकर स्थानीय रिटेल कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। सूत्रों का कहना है कि कुछ कंपनियों के साथ बातचीत में अच्छी प्रगति हुई है। हालांकि कंपनी के प्रवक्ता ने कोई अतिरिक्त जानकारी देने से मना कर दिया।
भारत ने साल 2012 में मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के लिए सशर्त खोला था। इन शर्तों ने इस क्षेत्र में बहुत सी विदेशी कंपनियों को निवेश करने से रोका है। खुदरा बाजार की सबसे बड़ी कंपनी वालमार्ट ने पहले ही भारत से अपने कदम वापस ले लिए। अब तक केवल ब्रिटिश कंपनी टेस्को ने ही भारत में अपने स्टोर खोलने का मन बनाया है।