सावधान...चुम्मा ले रहे हैं या बैक्टीरिया!
जानिए, 10 सेकेंड के चुम्मे के दौरान कितने बैक्टीरिया होते हैं मुंह में ट्रांसफ़र.
चूमते वक्त नाक टकराती है या नहीं? एक हिंदी फ़िल्मी में पूछे सवाल का जवाब उन लोगों को ज़रूर पता होगा, जिन्होंने चूमने के सुख को भोगा है.
लेकिन शायद ज़्यादातर लोगों को ये नहीं मालूम होगा कि एक चुम्मा ज़रा सा लंबा खिंच जाए तो बैक्टीरिया की एक घनी आबादी शरणार्थी बनकर सामने वाले के मुंह में चली जाती है.
10 सेकेंड के एक चुम्मे के दौरान आठ करोड़ बैक्टीरिया एक-दूसरे के मुंह में चले जाते हैं. ये बात किसी आशिक ने नहीं, नीदरलैंड के वैज्ञानिकों के एक दल ने कही है.
इन वैज्ञानिकों ने 21 जोड़ों के चूमने पर नज़र रखी. इन निगरानी में पाया गया कि जो लोग दिन भर में नौ बार एक-दूसरे का किस लेते हैं, उनमें लार के ज़रिए बैक्टीरिया ट्रांसफर होने की संभावना ज़्यादा होती है.
स्टडी के मुताबिक़, इंसान के मुंह में 700 प्रकार के बैक्टीरिया करोड़ों की संख्या में मौजूद होते हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही ज़्यादा तेज़ी से ट्रांसफर होते हैं.
कब और कैसे हुई थी स्टडी?
डच वैज्ञानिकों की ये स्टडी जर्नल माइक्रोबिओम में साल 2014 में छपी थी.
नीदरलैंड आर्गेनाइज़ेशन फ़ॉर एप्लाइड साइंटिफ़िक रिसर्च (टीएनओ) के एक दल ने एक जोड़ों से किसिंग हैबिट को लेकर कई सवाल पूछे.
इनमें अहम सवाल थे कि बीते साल उन्होंने कितनी बार एक-दूसरे का चुंबन लिया और आख़िरी बार लॉक्ड लिप्स वाली किस कब की थी.
वैज्ञानिकों ने इन जोड़ों के जीभ और लार का सैंपल पहले लिया और उसके बाद 10 सेकंड के चुंबन के बाद का सैंपल लिया.
इसके बाद एक पार्टनर को प्रोबायोटिक ड्रिंक पीने को दिया गया, जिसकी मदद से आसानी से बैक्टीरिया की पहचान संभव है.
इसके बाद कपल के दूसरे चुंबन के दौरान वैज्ञानिक यह पता लगा पाते हैं कि कितना बैक्टीरिया दूसरे पार्टनर के मुंह में पहुंचा है- एक दस सेकंड के चुंबन के बाद क़रीब आठ करोड़ बैक्टीरिया ट्रांसफर हो जाते हैं.
इस टीम के प्रमुख प्रोफ़ेसर रेमको कोर्ट बताते हैं, "फ्रेंच किसिंग के जरिए बैक्टीरिया बड़ी तेज़ी से और बड़ी संख्या में एक के मुंह से दूसरे के मुंह में पहुंच जाते हैं."
माना जा रहा है कि ऐसे अध्ययन से बैक्टीरिया जनित समस्याओं का इलाज तलाशने में मदद मिलेगी.
डच वैज्ञानिकों ने ये अध्ययन एमस्टर्डम स्थित बैक्टीरिया के दुनिया के पहले म्यूज़ियम के सहयोग से किया था.