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कनाडा चुनाव 2019: दूसरी बार पीएम बनेंगे 47 साल के ट्रूडो, इन बातों की वजह से कुछ-कुछ राहुल गांधी जैसे

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ओटावा। कनाडा की लिबरल पार्टी के नेता और वर्तमान कनैडियन प्राइम मिनिस्‍टर जस्टिन ट्रूडो, अब दूसरी बार देश की बागडोर संभालेंगे। सोमवार को कनाडा में नई सरकार के लिए वोट डाले गए हैं और राष्‍ट्रीय चुनावों के नतीजों के रूझानों में लिबरल पार्टी ने कई जगहों पर बढ़त बनाई। ट्रूडो ने आम चुनावों में जीत हासिल कर ली है। ट्रूडो की पार्टी जरूरी सीट्स हासिल करने से पीछे रह गई है। ऐसे में अब ट्रूडो अल्‍पमत की सरकार चलाएंगे। ट्रूडो, साल 2018 में भारत आ चुके हैं और वह अपने लुक्‍स की वजह से जितने कनाडा के युवाओं में मशहूर हैं, उतने ही भारत में भी हैं। आज हम आपको ट्रूडो और भारत के युवा राजनेता राहुल गांधी को समान करार देने वाले उस एक खास कनेक्‍शन के बारे में बताते हैं, जो इन्‍हें अपने-अपने देश में बाकी नेताओं से अलग खड़ा करती है।

सबसे युवा राजनेता

सबसे युवा राजनेता

सबसे युवा राजनेता जस्टिन ट्रूडो पहली बार साल 2015 में कनाडा के पीएम बने और वह इस देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। कनाडा और दुनिया की राजनीति को करीब से देखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो ट्रूडो लोकप्रियता में अब पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की जगह ले रहे हैं। वह जहां जाते हैं, लोग उन्‍हें देखते हैं, उन्‍हें सुनते हैं और उनके स्‍टाइल स्‍टेटमेंट को फॉलो करते हैं। ट्रूडो 47 वर्ष के हैं और वह कई मुद्दों पर काफी बेबाकी से अपनी राय रखते हैं। 2015 में जब वह पहली बार चुनावी मैदान में उतरे तो कनाडा के जर्नलिस्‍ट ने इयान ने कनाडा का 'राहुल गांधी' करार दिया। इयान, भारत में साल 2014 में लोकसभा चुनावों को कवर करके लौटे थे। वह मानते हैं कि दोनों नेताओं में कई समानताएं हैं।

राजनीति विरासत में मिली

राजनीति विरासत में मिली

ट्रूडो और राहुल गांधी दोनों का जन्‍म एक ऐसे परिवार हुआ जहां राजनीति को विरासत के तौर पर एक से दूसरे व्‍यक्ति को सौंपा गया। दोनों का जन्‍म एक ऐसे परिवार में हुआ तो आर्थिक और सामाजिक तौर पर अपने-अपने देश में काफी ताकतवर माना जाता है। जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के पूर्व पीएम पिएरे ट्रूडो के इकलौते बेटे हैं। राहुल गांधी भी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इकलौते बेटे हैं। राजीव गांधी, जहां देश के छठवें प्रधानमंत्री थे तो वहीं पिएरे, कनाडा के 15वें पीएम बने थे। जहां राहुल गांधी, नेहरु-गांधी परिवार से आते हैं तो जस्टिन के दादा चार्ल्‍स ट्रूडो कनाडा के जाने-माने उद्योगपति थे।

नेतृत्‍व की उम्‍मीदें एक जैसी

नेतृत्‍व की उम्‍मीदें एक जैसी

एक और समानता जो इन्‍हें एक जैसा बनाती है वह है कि दोनों से ही विशेषज्ञों ने उम्‍मीदें जताई कि दोनों अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्‍व करेंगे। जहां ट्रड्यू साल 2015 में चुनाव जीतकर इस सपने को जी रहे हैं तो राहुल फिलहाल इस सपने के पूरे होने की उम्‍मीदें जता रहे हैं। जहां राहुल देश की सबसे पुरानी पार्टी इंडियन नेशनल कांग्रेस का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं तो जस्टिन कनाडा की लिबरल पार्टी का नेतृत्‍व कर रहे हैं। कांग्रेस ने भारत में तो लिबरल पार्टी ने कनाडा में अपने-अपने तरह से आजादी की लड़ाई को जारी रखा। दोनों ही पार्टियों के नाम पर भारत और कनाडा में सबसे ज्‍यादा समय तक राज करने का रिकॉर्ड दर्ज है।

परिवार में हुई कोई न कोई ट्रैजेडी

परिवार में हुई कोई न कोई ट्रैजेडी

दोनों ही राजनेता अपने उम्र के 40वें दशक में हैं तो दोनों ने ही अपने-अपने परिवारों में किसी न किसी ट्रैजेडी को देखा है। ट्रूडो ने अपने भाई को एक हिमस्‍खलन में खो दिया था और उनके पिता की मौत के बाद उनके अंतिम संस्‍कार में लोगों का हुजूम उमड़ा था। वहीं, राहुल गांधी के पिता राजीव की तमिल आतंकियों ने हत्‍या कर दी थी और फिर उनके अंतिम संस्‍कार में भी लोगों की भीड़ उमड़ी। दोनों ही देशों में इन दोनों युवा नेताओं को मुश्किल समय में जनता का बड़ा सहयोग हासिल हुआ था।

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English summary
Canada Elections 2019:Justin Trudeau becomes PM for second time the common factor between him and Rahul Gandhi.
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