370 हटाने का विरोध करने वाले ब्रिटिश MP पर भड़के भारतीय मूल के लोग, पार्टी बैकफुट पर
लंदन। 100 से अधिक भारतीय सामुदायिक संगठनों ने सोमवार को लेबर पार्टी के लीडर जेरेमी कॉर्बिन को पत्र लिखकर नाराजगी व्यक्त की है। इन संगठनों ने पार्टी के हालिया वार्षिक सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर पर पास किए गए प्रस्ताव पर नाराजगी दिखाई है। इस प्रस्ताव को भारत सरकार ने भी खारिज कर दिया था। भारतीय मूल के लेबर सांसदों और नेताओं को भारत विरोधी प्रस्ताव पास करने के चलते भारतीय समुदाय से विरोध का सामना करना पड़ा है। कॉर्बिन ने पिछले सप्ताह स्वीकार किया था कि प्रस्ताव का शब्दांकन भारत के लिए शत्रुतापूर्ण है।
हिंदू स्वयंसेवक संघ, हिंदू मंदिरों की राष्ट्रीय परिषद और विश्व हिंदू परिषद (यूके) ने कहा कि उनके सदस्य "पार्टी के राजनीतिक पदों को नहीं लेते हैं, और सभी दलों के सदस्यों को शामिल करते हैं। 1.5 मिलियन जनसंख्या वाले भारतीय समुदाय के बड़े वर्गों का बढ़ता विरोध ब्रिटिश राजनीतिक इतिहास के लिए महत्वपूर्ण है। शायद ही कभी इतने सारे सामुदायिक संगठनों ने किसी एक मुद्दे पर अपने विचारों से अवगत कराया हो, चुनाव से पहले दो मुख्य दलों में से एक दल के लिए बुरी खबर साबित हो सकता है।
उनके पत्र में कहा गया है कि, ऐसे समय में जब ब्रेक्सिट ने पहले ही हमारे देश के भीतर गहरे विभाजन पैदा कर दिए हैं। अब जरूरत है कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ हमारे राजनयिक संबंधों को सही रखें। हम विशेष रूप से एक पुराने और अस्थायी प्रावधान को हटाने को लेकर लेबर पार्टी की ओर से दी गई प्रतिक्रिया से निराश हुए हैं। ये प्रावधान भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के विकास प्रगति, मानवाधिकार और मूल्यों में बाधा बन रहे थे... हम लेबर पार्टी से इसके पक्ष में उम्मीद करेंगे।
सांकेतिक संगठनों ने लिखा कि वे कश्मीर मुद्दे को ब्रिटेन की घरेलू राजनीति में लाने के प्रयासों को लेकर "बेहद चिंतित" हैं, जिसका सामुदायिक सद्भाव पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। जेरेमी ने बीते बुधवार वहां पर कांग्रेस के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. इस दौरान कश्मीर को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मुलाकात के ठीक बाद जेरेमी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा- 'भारतीय कांग्रेस पार्टी के ब्रिटिश प्रतिनिधियों के साथ बेहद सार्थक मुलाकात हुई जहां हमने कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा की। अब हिंसा का ये चक्र खत्म होना चाहिए और शांति कायम होनी चाहिए।
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