इस्लाम अपनाने के बाद सऊदी अरब में ब्रिटिश राजदूत ने पूरी की हज यात्रा
लंदन। सऊदी अरब में ब्रिटेन के राजूदत सिमॉन कॉलिस इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वाहवाही बटोर रहे हैं। कॉलिस ने पहले ऐसे ब्रिटिश राजदूत हैं जिन्होंने इस्लाम को अपनाने के बाद अपनी हज यात्रा पूरी की। कॉलिस के साथ इस तीर्थयात्रा का हिस्सा उनकी सीरियन मूल की पत्नी हुदा मुजारकेच भी बनीं।
ट्विटर पर कॉलिस की फोटो
ब्रिटिश न्यूजपेपर इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कॉलिस ने पवित्र स्थल पर सफेद पगड़ी पहन कर फोटो खिचवाईं हैं जो कि हज तीर्थयात्रा की पारंपरिक पोशाक है।
कॉलिस के साथ पत्नी मुजारकेच भी इस फोटो में नजर आ रही हैं। कॉलिस की मुजारकेच से वर्ष 2011 में शादी हुई थी और शादी से कुछ दिन पहले ही उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया था।
सीरियन मूल की है पत्नी
सऊदी अरब के के लेखक फावजिया अलबकर ने ट्विटर पर कुछ फोटोग्राफ्स पोस्ट की हैं। इनमें उन्होंने लिखा है, 'पहले ब्रिटिश राजदूत जिन्होंने इस्लाम अपनाने के बाद हज की यात्रा पूरी की।'
कॉलिस ने भी अरबी भाषा में ट्वीट किया है कि 30 वर्षों तक मुस्लिम संस्कृति के बीच रहने के बाद उन्होंने अपनी शादी से कुछ क्षण पहले ही इस्लाम अपना लिया था। कॉलिस और उनकी पत्नी ने अपने शुभचिंतको को 'धन्यवाद और ईद मुबारक' कहा।
भारत में भी रहे हैं राजदूत
सऊदी अरब से पहले कॉलिस सीरिया, इराक, भारत, कतर, यूएई, ट्यूनीशिया और यमन में बतौर राजदूत तैनात रहे हैं। वर्ष 2015 से वह सऊदी अरब के राजदूत के तौर पर राजधानी रियाद में रह रहे हैं।
हर वर्ष होने वाली हज की पवित्र तीर्थयात्रा पांच दिनों तक चलती है। इस वर्ष यह नौ सितंबर से शुरू हुई और 14 सितंबर को खत्म हो गई।
यूके का दूसरा सबसे बड़ा धर्म
अनुमान के तौर पर करीब 1.8 मिलियन मुसलमानों ने इस वर्ष सऊदी अरब में हज की तीर्थयात्रा पूरी की है। यूनाइटेड किंगडम में इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा धर्म है और यहां पर इसके करीब 2.7 मिलियन अनुयायी हैं। यह कुल जनसंख्या का 4.5% है।