दो वर्षों बाद ब्रिटेन अपना प्रधानमंत्री चुनने के लिए फिर से कतार में, शुरू हुई वोटिंग
लंदन। ब्रिटेन दो वर्षों के बाद एक बार फिर से अपने नए प्रधानमंत्री का चुनाव कर रहा है और नए प्रधानमंत्री के लिए वोट डाल रहा है। नए चुनावों के लिए ब्रिटेन में सुबह से ही पोलिंग स्टेशंस के बाहर वोटर्स की भीड़ मौजूद थी। यह चुनाव हाल ही में हुए दो आतंकी हमलों के बाद फिर से काफी अहम हो गए हैं।
थेरेसा मे के सामने जेर्मी कोर्बिन
दो वर्षों बाद इस चुनावी मैदान में प्रधानमंत्री थेरेसा मे और लेबर पार्टी के जेर्मी कोर्बिन आमने-सामने हैं। गुरुवार को इन मध्यावधि चुनावों में करीब 4.6 करोड़ मतदाता अपने नए प्रधानमंत्री का चुनाव करेंगे। हालांकि इन चुनावों से पहले जो सर्वे हुए हैं उनमें जनता थेरेसा मे के पक्ष में जाती हुई नजर आ रही है। मारग्रेट थैचर के बाद ब्रिटेन की दूसरी महिला प्रधानमंत्री मे के लिए सर्वे के नतीजे सकारात्मक हों लेकिन यह चुनाव उनके लिए चुनौतीपूर्ण भी साबित होने वाले हैं। कई अहम मुद्दों पर मे को एक असफल नेता माना जा रहा है। पिछले वर्ष ब्रेग्जिट पर नतीजा आने के बाद मे को पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन के हाथों से कमान मिली थी। ब्रिटेन में भारत के समयानुसार रात 10 बजे वोटिंग खत्म होगी और कहा जा रहा है कि एक घंटे के अंदर ही इन चुनावों के नतीजे भी आ जाएंगे। अभी ब्रेग्जिट से ब्रिटेन के बाहर जाने पर कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है और उससे पहले ही यह चुनाव हो जाएंगे। कंजर्वेटिव पार्टी के लिए जनमत संग्रह हमेशा गले की हड्डी बने हैं। ब्रेग्जिट से पहले वर्ष 2014 में स्कॉटलैंड की आजादी के लिए एक जनमत संग्रह हुआ था और इसके बाद वर्ष 2015 में आम चुनाव हुए। लेकिन फिर वर्ष 2016 में ब्रेग्जिट पर जनमत संग्रह हुआ और फिर अब वर्ष 2017 में आम चुनाव हो रहे हैं।
13 भारतीय भी मैदान में
ब्रिटेन में 4.6 करोड़ मतदाताओं में से करीब 15 लाख मतदाता भारतीय हैं और इनकी भागीदार को काफी अहम माना जा रहा है। मतदाताओं से अलग 13 भारतीय भी इस बार चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन 13 लोगों में सबसे ऊपर नीरत पाटिल का नाम है। नीरज एक डॉक्टर हैं और उनकी मदद से ही ब्रिटेन की संसद में 12वीं सदी के दार्शनिक बसावेश्वर की मूर्ति लग सकी थी। इस मूर्ति का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2015 में अपने ब्रिटेन दौरे पर किया था। पाटिल कर्नाटक के गुलबर्गा यूनिवर्सिटी से स्नाकत हैं और वर्ष 1993 में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद वह ब्रिटेन चले गए थे। लेबर पार्टी में 14 भारतीय नाम हैं जिन्होंने 2015 के चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई थी। इनमें से कीथ वाज, वालेरी वाज, सीमा मल्होत्रा, लीजस नंदी और वीरेंद्र शर्मा ने चुनावों में जीत हासिल की थी। ये नाम एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं। इनके अलावा जो आठ नाम और हैं उनमें से नीरज पाटिल, रोहित दासगुप्ता, हितेश टेलर, नवीन शाह, नवेंदु मिश्रा, तनमनजीत सिंह देहसी, कुलदीप सिंह साहोटा और मनजिंदर कांग शामिल हैं।