ब्रिटेन ने चीन पर लगाया जबरन श्रम का आरोप, शिंजियांग से आयात रोकने के लिए लाएगा नए नियम
नई दिल्ली। हॉन्ग कॉन्ग के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के मुद्दे के बाद से ब्रिटेन और चीन के रिश्तों में खटास बढ़ गई है। सोमवार को सामने आई एक रिपोर्ट में कहा गया कि चीन में कथित मानवाधिकार हनन से जुड़े सामानों के आयात पर ब्रिटेन अपने कानून को कड़ा करेगा क्योंकि बोरिस जॉनसन सरकार के मंत्रियों ने बीजिंग पर सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है। बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने चीन पर अपने अल्पसंख्यकों से जबरन श्रम कराने का आरोप लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को विदेश सचिव डॉमिनिक रैब हाउस ऑफ कॉमन्स में चीन के शिनजियांग प्रांत में जबरन श्रम करने के आरोपों और 12 मिलियन उइगर मुस्लिम पर हो रहे अत्याचारों को लेकर ब्रिटेन सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर बयान देंगे। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन सरकार द्वारा अनावरण किए जाने वाले उपायों में मॉडर्न स्लेवरी एक्ट का विस्तार भी शामिल है। ब्रिटेन सरकार ने उइगर मुस्लिमों की स्थिति पर चिंता जाहिर की है, यूके नहीं चाहता की अल्पसंख्यक द्वारा जबरन तैयार कराई गई वस्तुएं ब्रिटेन में प्रवेश करें।
ब्रिटिश सरकार ने कहा कि पिछले साल चीन में अल्पसंख्यक उइगर मुसलमानों के बीच जबरन श्रम के विश्वसनीय, बढ़ते और परेशान करने वाले सबूत मिले थे। उइगर मुसलमानों के इलाज और शिंजियांग में जबरन मज़दूरी के आरोपों को लेकर चीन जांच के दायरे में आ गया है। संयुक्त राष्ट्र ने विश्वसनीय रिपोर्टों का हवाला का हवाला देते हुए ब्रिटिश सरकार ने कहा कि चीन के शिविरों में रखे गए 1 मिलियन मुसलमानों को काम पर रखा गया है। बता दें कि पिछले साल जुलाई, 2020 में ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने चीन पर अपने देश में वीगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जो इसके लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ प्रतिबंध लगाने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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