BRICS: डोकलाम विवाद के बाद मोदी-जिनपिंग की पहली मुलाकात, चीन को याद आया पंचशील सिद्धांत
शियामेन। डोकलाम विवाद के बाद पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन गर्मजोशी से मुलाकात हुई। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सकारात्मक वार्ता देखने को मिली। इस मुलाकात में पीएम मोदी ने पहले आतंकवाद और फिर सीमा विवाद का जिक्र किया। वहीं, चीनी राष्ट्रपति ने भी भारत के साथ पंचशील सिद्धांतों पर काम करने को कहा है।
दोनों पक्षों के बीच हुई मुलाकात के दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन दोनों देश बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।जिनपिंग ने कहा कि हम भारत से आपसी सहयोग और शांतिपूर्ण रिश्ता निभाना चाहते हैं।
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आइए
जानते
हैं
क्या
है
पंचशील
सिद्धांत
पंचशील
समझौते
पर
29
अप्रैल
1954
को
हस्ताक्षर
हुए
थे।
इस
समझौते
की
प्रस्तावना
में
भारत
और
चीन
के
संबंधों
को
मजबूत
बनाने
के
लिए
पांच
सिद्धांतों
पर
हस्ताक्षर
हुए।
इसी
दौरान
भारत
ने
गुट
निरपेक्ष
का
रास्ता
अख्तियार
किया
और
हिंदी-चीनी
भाई-भाई
के
नारे
लगे।
हालांकि,
चीन
1962
के
युद्ध
में
ही
नहीं
बल्कि
कई
बार
पंचशील
सिद्धांतों
का
उल्लंघन
कर
चुका
है।
पंचशील
के
सिद्धांत
दोनों
देश
एक
दूसरे
की
अखंडता
और
संप्रभुता
का
सम्मान
करेंगे
दोनों
देश
किसी
भी
प्रकार
के
आक्रमण
से
बचेंगे
दोनों
देश
एक
दूसरे
के
आंतरिक
मामलों
में
हस्तक्षेप
नहीं
करेंगे
दोनों
देश
समान
और
परस्पर
लाभकारी
संबंध
को
बनाएंगे
दोनों
देश
शांतिपूर्ण
सह-अस्तित्व
बनाए
रखेंगे