भारतीय मूल के सांसदों को पसंद नहीं आया ब्रेग्जिट प्रस्ताव, संसद में पीएम थेरेसा मे के खिलाफ की वोटिंग
लंदन। मंगलवार को यूनाइटेड किंगडम की संसद में ब्रेग्जिट पर एतिहासिक वोटिंग हुई। इस वोटिंग में प्रधानमंत्री थेरेसा मे के ब्रेग्जिट प्लान को करारा झटका लगा और उनके खिलाफ जमकर वोट डाले गए। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि यूके की संसद में सभी सात भारतीय मूल के सांसदों ने भी पीएम मे के खिलाफ वोट डाला है। पार्लियामेंट्री रिकॉर्ड्स के मुताबिक भारतीय मूल के सिर्फ दो सांसद ऐसे हैं जिन्होंने मे के पक्ष में वोट किया। इन सांसदों के नाम हैं आलोक शर्मा और ऋषि सुनाक।
मंगलवार को हुई एतिहासिक वोटिंग
ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में पीएम मे की ब्रेग्जिट डील को 230 वोट्स से खारिज कर दिया गया। यह अभी तक के इतिहास में किसी मुद्दे पर सरकार की सबसे बड़ी हार है और इसलिए इसे एक एतिहासिक पल बताया जा रहा है। संसद में हुई वोटिंग के बाद लेबर पार्टी के नेता जेर्मी कोर्बिन ने अब नो कॉन्फिडेंस प्रस्ताव सदन में पेश कर दिया है। यह प्रस्ताव ब्रिटेन को आम चुनावों की तरफ लेकर जा सकता है। बुधवार को इस पर वोटिंग होनी है। आलोक शर्मा, रोजगार मंत्रालय देखते हैं तो वहीं इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति के दामाद ऋषि, हाउसिंग, कम्यूनिटीज और लोकल गवर्नमेंट के विभाग में जूनियर मिनिस्टर हैं। कंजर्वेटिव पार्टी के तीन सांसदों प्रीति पटेल, शैलेश वारा और सुएला ब्रेवरमैन ने अपने नेता के प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। वारा और ब्रेवरमैन ने नवंबर में अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
साल 2017 में ब्रिटेन की संसद में नया इतिहास
लेबर पार्टी के सीनियर एमपी वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि एग्रीमेंट को एतिहासिक रूप से खारिज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज शाम ने यह साबित कर दिया है कि संसद में ब्रेग्जिट डील पर पीएम को बहुमत नहीं है। शर्मा के अलावा छह और लेबर सांसद जिन्होंने पीएम के खिलाफ वोट किया उनके नाम हैं कीथ वाइज, सीमा मल्होत्रा, तनमनजीत सिंह देसाई, प्रीति कौर गिल और वाल्लेरी वाज। साल 2017 में ब्रिटेन में मध्यावधि चुनाव हुए थे और भारतीय मूल के 12 चुने हुए सांसदों ने चुनाव जीतकर ब्रिटेन की संसद में एक नया इतिहास बनाया था। सात सांसद लेबर पार्टी से चुने गए थे तो पांच सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी से चुने गए थे।