ब्रेक्सिट डील पर थेरेसा मे की फिर करारी हार, EU से वार्ता की संभावना खत्म
लंदन। ब्रेक्सिट वार्ता को लेकर एक बार फिर ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे को ब्रिटेन की संसद में करारा झटका लगा है।ब्रेक्सिट पर यूरोपीयन यूनियन (ईयू) से वार्ता को लेकर ब्रिटेन की संसद में थेरेसा मे के प्रस्ताव के खिलाफ शुक्रवार को 303 सांसदों ने वोट किया हैं। इस हार के बाद थेरेसा मे अब ईयू से वार्ता के लिए दबाव नहीं डाल सकती हैं। संसद में हार के बाद लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने कहा कि थेरेसा को अपनी नाकाम ब्रेक्सिट पॉलिसी को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मे अगर ब्रेक्सिट मामले को लेकर नई योजना के साथ आती हैं, तो संसद पर इस प विचार कर सकता है।
थेरेसा मे लगातार नो-ब्रेक्सिट डील का विरोध कर रही थी। जिसके बाद कंसर्वेटिव पार्टी के ब्रेक्सिट विरोधियों ने भी संसद में वोटिंग का समर्थन किया था, ताकि इस पूरे विवाद पर नई संभावनाएं पैदा हो सके। ब्रेक्सिट मामले पर ईयू से बातचीत करने के पक्ष में 259 वोट पड़े, जबकि 303 सांसदों ने विरोध में वोट किया।
ब्रिटेन की संसद में जिस तरह से पीएम को करारी हार का सामना करना पड़ा है, उससे स्पष्ट लगता है कि मे को अपनी पार्टी सासंदों से भी विरोध का सामना करने पड़ा है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम पांच कंसर्वेटिव सांसदों ने थेरेसा मे के खिलाफ वोट किया है। ब्रेक्सिटर्स पीटर बोन, सर क्रिस्टोफर चोप, फिलिप होलोब्नोन, और ऐनी मैरी मॉरिस और सारा वोलास्टन जैसे कंजर्वेटिव सांसदों ने भी इस प्रस्ताव के खिलाफ लेबर के साथ वोट किया किया।
ब्रिटिश डाउनिंग स्ट्रीट (पीएम हाउस) सत्तारूढ़ पार्टी की हार के लिए लेबर पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्होंने एक बार फिर राष्ट्र के हितों के खिलाफ वोट किया है। बता दें कि इससे पहले पिछले महीने जनवरी में भी यूनाइटेड किंगडम की संसद में ब्रेक्सिट पर एतिहासिक वोटिंग हुई थी, जिसमें प्रधानमंत्री थेरेसा मे के प्लान को करारा झटका लगा और उनके खिलाफ जमकर वोट डाले गए। उस वक्त ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में पीएम मे की ब्रेग्जिट डील को 230 वोट्स से खारिज कर दिया था।