चीनी सामानों के बॉयकॉट से बर्बाद हो जाएगा चीन, लगेगा 17 अरब डॉलर का झटका
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद में 20 जवानों के शहीद होने के बाद देश में चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कारोबारियों ने भी केंद्र सरकार से मांग की है कि वह ई-कॉमर्स कंपनियों को चीन में बने सामान की बिक्री बंद करने का आदेश दे। बता दें कि देश में ये ई-कॉर्मस प्लेटफॉर्म चीन से सालाना लगभग 74 अरब डॉलर की वस्तुए आयात करते हैं।
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रिटेल ट्रेडर्स की हिस्सेदारी करीब 17 अरब डॉलर की
एक भारतीय कारोबारी संगठन के मुताबिक चीन से होने वाले कुल इंपोर्ट में रिटेल ट्रेडर्स की हिस्सेदारी करीब 17 अरब डॉलर की है। इनमें ज्यादातर खिलौने, घरेलू सामान, मोबाइल, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सामान और कॉस्मैटिक उत्पाद शामिल हैं। अगर चीन से ये सामान आना बंद होता है तो इससे ये सामान बनाने वाली घरेलू कंपनियों को फायदा होगा। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के महासचिव वी के बंसल ने कहा, हमने अपने सद्स्यों को चीनी माल का स्टॉक निपटाने को कहा है।
चीनी स्टॉक क्लियर करने को कहा गया
उन्होंने बताया कि, वे वहां से आगे सामान मंगाने में परहेज करें। साथ ही हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह ई-कॉमर्स कंपनियों को चीनी माल बेचने से रोके। फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील पोद्दार का भी कहना है कि एसोसिशन ने अपने सदस्यों को चीनी माल का कारोबार बंद करने की सलाह दी है।
CAIT ने जारी की चाइनीज सामानों की लिस्ट
राष्ट्रीय संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने निर्णय लिया है कि वह भारतीय सम्मान हमारा अभिमान अभियान के तहत चाइनीज सामानों के बहिष्कार का आंदोलन चलाएंगे। इस संगठन ने करीब 3,000 चाइनीज प्रोडक्ट की एक लिस्ट जारी की है जिनके बहिष्कार की अपील की गई है। इस संगठन ने तमाम सेलिब्रिटीज को एक खुला पत्र भेजाकर मेड इन चाइना प्रोडक्ट के विज्ञापन ना करने की अपील की है।
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