कोरोना का असर! समुद्री लहरों से उठी नीले रंग की दुर्लभ रोशनी, 60 साल में दिखा ऐसा नजारा
समुद्र किनारे टहल रहे कुछ लोगों को अचानक लहरों में एक खास नीली रोशनी नजर आई, जिसके बाद...
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। दुनिया के दिग्गज देश आज इस महामारी की चपेट में हैं और चीन, इटली, ईरान, स्पेन, अमेरिका सहित कई देशों में बड़ी संख्या में लोगों की जान इस वायरस की वजह से जा चुकी है। भारत में भी कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि कोरोना वायरस के इस कहर के बीच एक राहत देने वाली तस्वीर भी उभरकर सामने आ रही है। दरअसल कोरोना वायरस के कारण कई देशों में जारी लॉकडाउन के चलते पर्यावरण में आश्चर्यजनक रूप से सुधार आया है। पर्यावरण में सुधार का एक ऐसा ही खूबसूरत नजारा उस वक्त देखने को मिला, जब समुद्र की लहरों में एक नीली रोशनी नजर आई। (सभी तस्वीरें सोशल मीडिया से)
समुद्र किनारे टहल रहे लोगों को दिखा नजारा
डेली मेल की खबर के मुताबिक, मामला नॉर्थ अमेरिका के मेक्सिको में अकापुल्को बीच का है, जहां समुद्र किनारे टहल रहे कुछ 'भाग्यशाली' लोगों को अचानक लहरों में एक खास नीली रोशनी नजर आई। ये लोग भाग्यशाली इसलिए थे, क्योंकि जो नजारा इन लोगों की आंखों ने देखा, वो बीते 60 सालों में पहली बार नजर आया था। समुद्री लहरों में नीली चमकदार रोशनी देखकर पहले तो लोग चौंक गए, लेकिन इसके बाद सभी ने इन लहरों को अपने-अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करना शुरू कर दिया। खबर फैली तो दूसरे लोग भी इन लहरों को देखने के लिए समुद्र किनारे पहुंचे।
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क्या है इस रोशनी के पीछे की वजह
इन लोगों को समुद्री लहरों में जो रोशनी दिखाई दी, उसके पीछे की वजह प्राकृतिक है। इस घटना को बायोलुमिनसेंट प्लैंकटन कहा जाता है। अकापुल्को टूरिज्म बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते इस समय समुद्र किनारे लोगों की आवाजाही लगभग ना के बराबर है। ऐसे में यह दुर्लभ घटना प्यूर्टो मार्क्वेस बीच के पानी में सूक्ष्मजीवों के कारण होने वाली 'जैव रासायनिक प्रतिक्रिया' का परिणाम है।
दिग्गज समुद्री जीव-विज्ञानी ने बताई कुछ और वजह
हालांकि समुद्री जीव-विज्ञानी एनरिक अयला डुवल ने इस तर्क को सिरे से खारिज किया है कि तटों पर लोगों की कम आवाजाही की वजह से यह घटना घटी है। एनरिक अयला डुवल ने इस मामले पर लेख लिखते हुए बताया, 'बायोलुमिनसेंस एक ऐसी जैव रासायनिक प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप पैदा होने वाला प्रकाश है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा समय लूसिफेरिन (प्रोटीन), मॉलिक्यूलर ऑक्सीजन और एटीपी (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) हिस्सा लेते है।
कैसे पैदा हुई नीले रंग की रोशनी
एनरिक अयला डुवल ने आगे बताया, 'ये सभी एंजाइम ल्यूसेंसज के जरिए कुछ इस तरह प्रतिक्रिया करते हैं- ऑक्सीजन लूसिफेरिन का ऑक्सीकरण करती है, लूसिफेरेज इस प्रतिक्रिया को तेज कर देता है और एटीपी पूरी प्रतिक्रिया के लिए एनर्जी उपलब्ध कराता है। इससे पानी में एक अलग रंग बनता है और रात के समय नीले रंग की चमकदार रोशनी दिखाई देती है।' डुवल का कहना है कि इस घटना के लिए सोशल मीडिया पर जो वजहें बताईं जा रही हैं, वो केवल परिकल्पना हैं।
लहरों को देख शख्स ने लगाई समुद्र में डुबकी
लोग इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में शेयर कर रहे हैं। कोरोना वायरस की महामारी के चलते मेक्सिको के सभी समुद्री तटों पर इन दिनों नहाने की मनाही है, लेकिन जब लोगों ने लहरों में इस नीली रोशनी को देखा तो वहां मौजूद एक शख्स खुद को नहाने से नहीं रोक पाया और उसने सुमद्र में छलांग लगा दी। इस शख्स का कहना था कि वो इस खूबसूरत और ऐतिहासिक पल को गंवाना नहीं चाहता था। यह मामला सोमवार की रात का है, लेकिन इसकी तस्वीरें बीते एक-दो दिन में ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं।