ताइवान नेशनल डे पर तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने लगाए पोस्टर, चीन ने दी धमकी- आग से न खेलें BJP नेता
नई
दिल्ली।
केंद्र
की
सत्ताधारी
भारतीय
जनता
पार्टी
(बीजेपी)
के
युवा
नेता
तजिंदर
पाल
सिंह
बग्गा
ने
10
अक्टूबर
को
ताइवान
के
नेशनल
डे
पर
दिल्ली
स्थित
चीनी
दूतावास
के
बाहर
ताइवान
के
पोस्टर
लगाए।
बग्गा
ने
न
सिर्फ
पोस्टर
लगाए
बल्कि
देश
को
उसके
इस
खास
दिन
की
बधार्द
भी
दी।
अब
चीन
का
पारा
हाई
हो
गया
है।
चीन
के
सरकारी
अखबार
ग्लोबल
टाइम्स
ने
बग्गा
के
इस
एक्शन
पर
धमकी
दी
है।
ग्लोबल
टाइम्स
ने
कहा
है
कि
बग्गा
ने
ऐसा
करके
आग
से
खेलने
का
काम
किया
है।
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ग्लोबल टाइम्स ने दी वॉर्निंग
ग्लोबल टाइम्स चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का ही मुखपत्र है। अखबार में विश्लेषकों के हवाले से लिखा है कि ताइवान के नेशनल डे पर चीनी दूतावास के बाहर बीजेपी नेता की तरफ से पोस्टर लगाने का काम आग से खेलने जैसा है। इस काम के बाद पहले से ही खट्टे हो चुके भारत और चीन के रिश्तों में और कड़वाहट घुलेगी। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि बीजेपी को चेतावनी दी है और कहा है कि उसे इस प्रकार का अतार्किक बर्ताव छोड़ना होगा। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, 'दिल्ली की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में खबरें आई कि चीनी दूतावास के बाहर ताइवान के पोस्टर लगे हैं जिनमें लिखा है, 'हैप्पी नेशनल डे। इन पोस्टरों को दिल्ली के बीजेपी लीडर तजिंदर पाल सिंह बग्गा की तरफ से लगाया गया था।' अखबार के मुताबिक यह काम ऐसे समय में हुआ है जब भारत की मीडिया ने ताइवान के नेशनल डे का समर्थन किया है। इसके अलावा भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से भी भारतीय मीडिया के उन अधिकारों का बचाव किया गया जिसमें मीडिया ने वन चाइना पॉलिसी को मानने से इनकार कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मीडिया अपना नजरिया रखने के लिए स्वतंत्र है।
चीन ने भारत की मीडिया को दिए थे निर्देश
सात अक्टूबर को चीनी दूतावास की तरफ से भारतीय मीडिया को निर्देश दिया था कि वह उसी तरह का रुख अपनाए जो भारत सरकार पिछले कई वर्षों से अपनाती आ रही है। इसके साथ ही मीडिया को वन चाइना पॉलिसी का पालन करने की बात भी कहीं गई थी। ई-मेल कर दूतावास की तरफ से मीडिया को बताया गया था कि वन चाइना पॉलिसी दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों का आधार है। चीनी विशेषज्ञ की मानें तो भारत, ताइवान को लेकर भड़काऊ बर्ताव कर रहा है। इसका भारत और चीन के संबंधों पर असर होगा। शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में सेंटर फॉर एशिया पैसेफिक स्टडीज के डायरेक्टर झाओ गनशेंग ने कहा है, 'चीन की वन चाइना पॉलिसी को चुनौती देकर भारत आग से खेल रहा है।'
अच्छे पड़ोसी से दूर हो रहा भारत
गनशेंग ने कहा कि भारत सरकार लगातार एक पड़ोसी के तौर पर चीन को खुद से दूर कर रही है। उनकी मानें तो भारत को अगर इसके कुछ नतीजे देखने पड़ें तो उसे इस बात पर जरा भी हैरानी नहीं होनी चाहिए। एक और विशेषज्ञ हू झियोंग ने कहा है कि इस तरह की भड़काऊ कार्रवाई से भारत का कोई भला नहीं होगा। बल्कि द्विपक्षीय संबंधों में और कड़वाहट घुलेगी। ताइवान आज अपना राष्ट्रीय दिवस मना रहा है। हर वर्ष 10 अक्टूबर को होने वाला यह दिन पिछले वर्ष तक सिर्फ ताइवान के लिए होता था लेकिन आज यह भारत समेत अमेरिका और उन तमाम देशों के लिए भी एक आयोजन की तरह बन गया है जो चीन की आक्रामकता से त्रस्त हैं। इस बार ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारतीय यूजर अपनी डीपी में ताइवान का झंडा लगा कर चीन को जवाब दे रहे हैं।
चीन की आक्रामकता झेलता ताइवान
ताइवान एशिया का वह देश है जिसने चीन की विस्तारवाद नीति का जवाब देने में सफलतापूर्वक संघर्ष किया है। पिछले सात दशकों से ताइवान, चीन की इस विस्तारवादी नीति का जवाब देता आ रहा है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समीकरण बदल चुके हैं। चीन जो 'वन चाइना-पॉलिसी' को मानता है, इन सभी देशों से भी कहता आया है कि वह जमीन, पानी और हवा में भी इस नीति का पालन करें और ताइवान से दूर रहे हैं। लेकिन अब कोई भी देश उसकी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है।