LAC पर चीन की हरकतों के विरोध में अमेरिकी संसद में आया प्रस्ताव, गलवान हिंसा का भी जिक्र
वॉशिंगटन। अमेरिका की संसद में लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी चीन की आक्रामकता के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया गया है। इस प्रस्ताव को रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जॉन कोर्नेन और डेमोक्रेट पार्टी के मार्क वारनेर की तरफ से पेश किया गया है। इस प्रस्ताव में चीन से लोकतांत्रिक समाधान को मानने पर जोर दिया गया है। आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच पांच मई को एलएसी पर तनाव की शुरुआत हुई थी और 100 दिन से ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है।
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चीन के खिलाफ अलर्ट रहने की जरूरत
जो प्रस्ताव गुरुवार को पेश किया गया है उसमें भारत के खिलाफ चीन की सैन्य आक्रामकता की आलोचना की गई है। इस प्रस्ताव में कहा गया है, 'चीन की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा की यथा स्थिति को बदलने की कोशिशें की जा रही हैं साथ ही भारत के साथ पूर्व में हुए द्विपक्षीय संबंधों के तहत रेखा को चिन्हित करने से इनकार किया जा रहा है।' प्रस्ताव में चीन से कहा गया है कि वह जल्द से जल्द अप्रैल 2020 वाली स्थिति एलएसी पर बहाल करे। इस रेजोल्यूशन में कहा गया है, 'भारत ने अपने टेलीकम्यूनिकेशंस इंफ्रास्ट्रक्चर को चीनी खतरों से जिस तरह से बचाया वह प्रशंसनीय है।'
गलवान घाटी की घटना का जिक्र
इसमें भारत की तरफ से चीन की एप्स को बैन किए जाने वाले फैसले का जिक्र नहीं किया गया है। वारनेर और कोर्नेन की तरफ से आए इस रेजोल्यूशन में 15 जून को गलवान घाटी में हुई घटना का जिक्र भी है जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। वारनेर ने बयान में कहा है, '15 जून को हुई घटना को चीन के भड़काऊ कार्रवाई के तहत देखा जाना चाहिए और इस पर अलर्ट रहने की जरूरत है।' उन्होंने यह भी कहा है कि जिस तरह से भारत ने चीन के खिलाफ मजबूती से खड़े होने की प्रतिबद्धता दिखाई है, वह भी प्रशंसनीय है। दोनों सीनेटर्स सीनेटर्स में इंडिया कॉकस के उप-प्रमुख हैं।