अमेरिकी संसद में 45 फीसदी ज्यादा ग्रीन कार्ड्स जारी करने वाला बिल पेश, भारतीयों को होगा फायदा
वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की संसद में बेहद अहम बिल पेश किया है। ये बिल 45 फीसदी से ज्यादा ग्रीन कार्ड्स जारी करने से संबंधित है। अमेरिकी संसद में पेश इस बिल में मेरिट के आधार पर इमिग्रेशन सिस्टम पर जोर देते हुए हर साल दिए जाने वाले ग्रीन कार्ड्स को 45 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की गई है। अगर इस बिल पर मुहर लग जाती है और ये कानून बन जाता है तो इसका फायदा उन भारतीयों को होगा जो अमेरिका जाने का इंतजार कर रहे हैं।
'सेक्योरिंग अमेरिकाज फ्यूचर एक्ट' नाम से बिल पेश
'सेक्योरिंग अमेरिकाज फ्यूचर एक्ट' नाम से पेश इस बिल को ट्रंप प्रशासन का समर्थन मिला हुआ है। इस बिल के अमेरिकी कांग्रेस से पास होने के बाद राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के साथ नए कानून की शक्ल ले लेगा। इस कानून के बनते ही डायवर्सिटी वीजा कार्यक्रम खत्म हो जाएगा। इसके साथ कुल इमिग्रेशन स्तर का आंकड़ा 1.05 मिलियन से घटकर 2 लाख 60 हजार रह जाएगा।
बिल को ट्रंप प्रशासन का समर्थन
अमेरिका की संसद में यह बिल हाउस होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी बोर्ड एंड मैरीटाइम सिक्योरिटी सबकमिटी की चेयरवूमन मार्था मैकस्ली, हाउस होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष माइकल मैककॉल, हाउस ज्यूडिशियरी कमिटी के अध्यक्ष बॉब गुडलेटे और हाउस ज्यूडिशियरी कमिटी इमिग्रेशन एंड बॉर्डर सेक्युरिटी सबकमिटी चेयरमैन राउल लैब्राडोर ने पेश किया। इस बिल में ग्रीन कार्ड्स जारी करने की मौजूदा सीमा को एक साल में 1 लाख 20 हजार से 45 फीसदी बढ़ाकर 1 लाख 75 हजार करने की मांग की गई है।
भारतीय पेशेवरों को होगा फायदा
भारतीय-अमेरिकी पेशेवर, जो खासतौर से H-1B वीजा पर अमेरिका आते हैं और बाद में स्थायी तौर पर रहने का कानूनी दर्जा या ग्रीन कार्ड हासिल करने का विकल्प चुनते हैं, उनको इससे बड़ा लाभ हो सकता है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 5 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड पाने की कतार में हैं और अपने H-1B वीजा को सालाना बढ़ाए जा रहे हैं। सबसे खास बात यही है कि इनमें से बड़ी तादाद में वो लोग हैं जो कई साल से ग्रीन कार्ड पाने की कोशिश कर रहे हैं।
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