बिल गेट्स ने WHO की फंडिंग रोकने के लिए ट्रंप को फटकारा, बोले, 'दुनिया को WHO की पहले से कहीं ज्यादा जरूरत'
नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और अरबपति बिल गेट्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कोरोनो वायरस महामारी के बीच में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लिए 400 मिलियन डॉलर रोकने क के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इस निकाय की आज पहले से कहीं अधिक जरूरत है।
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हालांकि ट्वीट में बिल गेट्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का नाम नहीं लिया। बिल गेट्स ने उक्त ट्वीट अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के कुछ घंटों बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा कि WHO को 400-500 मिलियन डॉलर अमेरिकी योगदान को रोक देंगे।
Halting funding for the World Health Organization during a world health crisis is as dangerous as it sounds. Their work is slowing the spread of COVID-19 and if that work is stopped no other organization can replace them. The world needs @WHO now more than ever.
— Bill Gates (@BillGates) April 15, 2020
दरअसल, ट्रम्प ने गत मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था कि लंबित WHO की भूमिका की समीक्षा के लिए कुछ हफ्तों की अवधि के लिए वित्त पोषण को निलंबित कर रहे थे, जिसमें आरोप है कि WHO कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने और उसके रोकथाम में गंभीर रूप से कुप्रबंधन किया था।
उन्होंने संगठन पर आरोप लगाया कि वह चीन को कोरोना वायरस की वास्तविकता को छिपाने की अनुमति दे रहा है, जिसने अब 600,000 से अधिक को संक्रमित किया है और 26,000 से अधिक अमेरिकियों को मार दिया है, जो अब दुनिया भर में 2 मिलियन लोगों को संक्रमित करने के करीब पहुंच चुका है।
बिल गेट्स के साथ-साथ डोनाल्ड ट्रंप के कदमकी डेमोक्रेटिक प्रतिनिधियों ने भी इस कदम की आलोचना की है जबकि WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा कि अब महामारी का "राजनीतिकरण" करने का समय नहीं है।
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बिल गेट्स ने बहुत पहले ही वैश्विक महामारी की आहट की चेतावनी दे दी थी। उन्होंने कोरोनो वायरस प्रकोप से लड़ने के लिए बिल और मेलिंडा गेट्स चैरिटबल फाउंडेशन की ओर 100 मिलियन डॉलर देने का भी का वादा किया है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने WHO संगठन को चीन-केंद्रित होने और कोरोना वायरस संकट को गलत तरीके से हैंडल करने का आरोप लगाया था जबकि महामारी के संकट के बीच सरकारें अपनी संघर्षरत अर्थव्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त में फंसी हुई हैं। अमेरिका ने पिछले साल WHO को 400 मिलियन डॉलर का योगदान किया था।
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बिल गेट्स ने कहा कि "वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए फंडिंग रोकना उतना ही खतरनाक है जितना कि यह लगता है।" गेट्स ने कहा कि "उनका काम COVID-19 के प्रसार को धीमा कर रहा है और अगर उस काम को रोक दिया जाता है तो कोई अन्य संगठन उनकी जगह नहीं ले सकता है। उन्होंने दोहराया कि।दुनिया को डब्ल्यूएचओ की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है।"
गौरतलब है Covid19 महामारी अब तक 126,859 लोगों की जिंदगी छीन चुकी है। पिछले साल के अंत में पहली बार चीन में उभरे कोरोना वायरस से अब तक दुनिया भर में लगभग 20 लाख लोगों को संक्रमित हो चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि वह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की क्षितिज पर "प्रकाश की किरणों" को देख सकते हैं, लेकिन वायरस के प्रसार और उसके रोकथाम के लिए WHO की गंभीर कुप्रबंधन पर द्वेषपूर्ण हमला भी किया था।
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उन्होंने जिनेवा स्थित एजेंसी पर "गलत जानकारी" फैलाने का आरोप लगाया और संगठन की चीनी डेटा पर निर्भरता को दुनिया भर में Covid मामलों में 20 गुना वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने भी ट्रम्प की टिप्पणी की निंदा की है और कहा कि यह समय WHO के "संसाधनों को कम करने का नहीं है।
बकौल गुटरेस, वायरस के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए WHO संगठन दुनिया के प्रयासों के लिए बिल्कुल महत्वपूर्ण है।
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