एक पॉयलट की सनक ने 149 लोगों को मौत की नींद सुला दिया
बार्सीलोना। जर्मन विंग के एयरबस 310 क्रैश में मारे गये 150 लोगों के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। हादसे के बाद विमान से पाये गये ब्लॉक बॉक्स में खुलासा हुआ है कि विमान के दो पॉयलट में विवाद हुआ जिसके बाद यह बड़ा हादसा हुआ। साथ ही यह भी बात सामने आयी है कि पॉयलट ने जानबूझकर विमान को क्रैश किया था। ।
पॉयलट और को पायलट के बीच हुई सामान्य बातचीत
ब्लैक बॉक्स में दोनों पॉयलट के बीच जो बातचीत खुलकर सामने आयी है उसमें साफ है कि दोनों पॉयलट आपस में हंसी मजाक के मूड में थे और उनके बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई जिससे यह पता चलता कि विमान किसी आपात परिस्थिति में है।
विमान
में
कोई
दिक्कत
नहीं
थी
इस विमान की बार्सीलोना से डसेलडॉर्फ के बीच महज 90 मिनट का सफर तय करना था। लेकिन लैंडिंग के 20 मिनट पहले पॉयलट ने विमान की उंचाई के बारे में बातचीत करना शुरु की थी। साथ ही लैंडिंग की पूरी तैयारी हो चुकी थी इस वक्त तक विमान में कोई भी दिक्कत नहीं थी।
149 लोगों की मौत का फैसला लैंडिंग के 20 मिनट पहले ही हो गया था
इसी दौरान विमान के पॉयलट ने लैंडिंग से पहले शौचालय जाने का फैसला लिया। लेकिन इसी वक्त सह पॉयलट जोकि रहस्यमयी तरीके से विमान को क्रैश कराना चाहता था उसने विमान के डेडलॉक बटन को दबाकर खुद को कॉकपिट में कैद कर लिया। दरअसल विमान को क्रैश करने का फैसला इस सहपायलट ने 20 मिनट पहले ही ले लिया था।
आपातकाल
की
घोषणा
नहीं
की
गयी
थी
विमान
में
आपातकाल
स्थिति
में
यात्रियों
को
8
मिनट
पहले
सूचित
किया
जाता
है
लेकिन
इस
विमान
में
ऐसा
कुछ
भी
नहीं
हुआ।
ब्लैक
बॉक्स
में
यात्रियों
के
चीखने
की
आवाज
सिर्फ
तभी
रिकॉर्ड
हुई
जब
विमान
क्रैश
होने
वाला
था।
सह
पॉयलट
ने
जानबूझकर
कॉकपिट
को
लॉक
करके
विमान
क्रैश
किया
यह सभी खुलासा खुद इस मामले की जांच कर रहे ब्रिस रॉबिन ने दी। रॉबिन ने बताया कि 38000 फीट की उंचाई पर जब विमान था तो हमने सुना कि पॉयलट ने सह पॉयलट से विमान को कंट्रोल करने को कहा था। यह आखिर बातचीत ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड हुई है। उसके बाद विमान कॉकपिट के दरवाजे के खुलने और बंद होने की आवाज आयी थी। जिससे हम इस बात का अंदाजा लगा सकते है पॉयलट कॉकपिट से बाहर गया था।
जांच अधिकारी ने पुख्ता तौर पर बताया कि इसी समय सह पॉयलट ने विमान को जानबूझकर क्रैश करने का फैसला लिया सह पॉयलट लुबिट्ज ने इसी समय विमान की उंचाई 38000 फीट से 100 फीट तक ले जाने के लिए सेट कर दिया। उसके 9 सेकंड के बाद विमान क्रैश हो गया।
मुख्य
पॉयलट
दवाजा
खटखटाता
रहा
और
विमान
नीचे
जाता
रहा
लेकिन जब मुख्य पॉयलट टॉयलेट से वापस लौटा और उसने कॉकपिट का दरवाजा खटखटाया तो सह पॉयलट ने दवाजा नहीं खोला। सह पॉयलट मुख्य पॉयलट को आते हुए कॉकपिट के अंदर लगी स्क्रीन पर देख सकता था। लेकिन उसने दरवाजे को डेडलॉक कर दिया था।
विमान के क्रैश होने से पहले सह पॉयलट को विमान की उंचाई को 7700 फीट की उंचाई पर ले जाने के लिए कहा गया लेकिन पायलट ने कोई जवाब नहीं दिया। उस वक्त इस रास्त पर अन्य विमानों ने भी पॉयलट को संपर्क किया लेकिन सह पॉयलट ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
सह
पॉयलट
जिंदा
था
और
उसने
किसी
आपात
की
घोषणा
नहीं
की
इस पूरे हादसे के दौरान सह पायलट ल्युबिट्ज की हेडफोन में सिर्फ सांस लेने की आवाज आती रही। इसके अलावा कोई और आवाज नहीं सुनाई दी। जांच अधिकारी रॉबिन ने बताया कि यह सांस लेने की आवाज हादसे के आखिरी सेकंड तक आती रही जिससे साफ है कि सह पॉयलट जिंदा था और यह हादसा जानबूझकर किया गया। पॉयलट की सांस बिल्कुल सामान्य थी ऐसे में यह भी नहीं कहा जा सकता कि पॉयलट को दिल का दौरा पड़ा था।
इमरजेंसी
अलार्म
के
बाद
भी
पॉयलट
आराम
से
बैठा
रहा
हादसे के ठीक पहले कॉकपिट में इमरजेंसी अलार्म बजना शुरु हो गया था कि वह जमीन से अब बहुत करीब है ऐसे में उसे विमान को उपर करना चाहिए लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
लोगों
ने
अपनी
मौत
को
अपनी
आंखो
से
देखा
और
मुख्य
पॉयलट
कुछ
नहीं
कर
सके
विमान
के
मुख्य
पॉयलट
कैप्टन
सॉडरहेमर
ने
कई
बार
यह
प्रयास
किया
कि
वह
कॉकपिट
के
अंदर
जा
सके।
उन्होंने
कॉकपिट
का
दरवाजा
तोड़ने
तक
का
भी
प्रयास
किया।
जमीन
पर
आने
से
पहले
ब्लैक
बॉक्स
में
दरवाजे
को
जोर-जोर
से
खटखटाने
की
आवाज
आ
रही
थी।
जांच अधिकारी ने बताया कि कॉकपिट के दरवाजे को अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुसार ही बनाया गया था जिससे कि किसी भी आतंकवादी घटना से बचा जा सके। जिसके चलते इसे बाहर से खोला नहीं जा सका ना ही तोड़ा जा सका।
लेकिन इस वक्त तक विमान जमीन के काफी करीब आ चुका था और विमान में सवार सभी यात्रियों को इसका आभास हो चुका था। वहीं महज कुछ सेकेंड के भीतर यह विमान पहाड़ की चोटियों से टकराकर क्रैश हो गया।