एक प्रधानमंत्री जिसे वीकएंड पर मरीजों की सर्जरी करना पसंद है
थिम्पू। भारत का पड़ोसी देश भूटान और यहां के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। नवंबर 2018 में इस बौद्ध देश की कमान पीएम शेरिंग के हाथों में आई और तब से ही वह यहां की जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं। शेरिंग एक राजनेता होने के साथ ही एक डॉक्टर भी हैं। हर शनिवार को आप उन्हें जिग्मे दोरजी वांगचुक नेशनल रेफरल हॉस्पिटल में डॉक्टर का कोट पहने देख सकते हैं। वीकएंड पर वह एक राजनेता के रोल से निकलकर एक डॉक्टर के रोल में होते हैं।
पीएम शेरिंग बन जाते हैं सर्जन
कई अहम सर्जरी करने में सक्षम शेरिंग कोई साधारण पीएम नहीं हैं। भूटान के लोगों के बीच एक पीएम और एक डॉक्टर के तौर पर शेरिंग काफी पॉपुलर हैं। भूटान को दुनिया के सबसे खुश देश का दर्जा हासिल है। न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए शेरिंग ने कहा, 'मेरे लिए डॉक्टर बनना मतलब खुद को तनाव से दूर करना।' भूटान की आबादी 750,000 है और साल 2018 में यहां पर तीसरी बार चुनाव हुए हैं। साल 2008 में भूटान में राजशाही का अंत हुआ था। तब से ही यहां पर संसदीय प्रथा के तहत जनता के पास सरकार चुनने का अधिकार है।
वीकएंड पर सर्जरी का मजा लेते पीएम
50 वर्षीय पीएम शेरिंग कहते हैं, 'कुछ लोग गोल्फ खेलते हैं, कुछ लोग तीरंदाजी का मजा उठाते हैं लेकिन मुझे सर्जरी पसंद है। इसलिए मैं हमेशा अपना वीकएंड अस्पताल में बिताना पसंद करता हूं।' अस्तपाल के कोट और साधारण सी चप्पल में कॉरिडोर से गुजरते पीएम को अस्पताल की हर नर्स और अटेंडेंट अच्छे से जानता है। इसके बाद भी पीएम के साथ काम करना इनके लिए एक आम प्रक्रिया है।
भूटान में खुशी है सबसे बड़ा पैमाना
भूटान शायद दुनिया का अकेला ऐसा देश है जिसे यहां की आर्थिक संपन्नता नहीं बल्कि यहां पर लोग कितने खुश हैं, इस बात से परखा जाता है। भूटान में कार्बन डाई ऑक्साइड का अंश जीरो या न के बराबर है। इसके साथ ही यहां के संविधान में यह कानून बना है कि देश का 60 प्रतिशत हिस्सा हमेशा जंगलों से ढंका रहना चाहिए। इसके अलावा भूटान एक इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने वाला देश है। जिस समय पर्यटन का सीजन होता है, यहां पर रोजाना पर्यटकों से 250 डॉलर तक की फीस ली जाती है।
ट्रेनी डॉक्टरों को सलाह देने का काम भी
भूटान की राजधानी थिम्पू में कोई ट्रैफिक लाइट नहीं हौ और यहां पर तंबाकू की ब्रिकी बैन है। साथ ही साल 1999 में ही टीवी को मंजूरी दी गई थी। पीएम शेरिंग शनिवार को अस्पताल में होते हैं तो गुरुवार की सुबह को वह ट्रेनी डॉक्टरों को मेडिकल एडवाइस देते हैं। इसके अलावा रविवार का समय पूरी तरह से परिवार के लिए होता है। हारने के बाद राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने उन्हें डॉक्टरों की एक टीम के साथ गांवों में मुफ्त इलाज का आदेश दिया था। उनके ऑफिस में हमेशा लैब कोट कुर्सी पर टंगा रहता है। भूटान में मरीजों को सीधे हेल्थकेयर के लिए फीस देने की जरूरत नहीं होती है।
डॉक्टर पीएम के बारे में क्या कहते हैं मरीज
पिछले दिनों पीएम शेरिंग ने पांच घंटे तक ब्लैडर रिपेयर सर्जरी को अंजाम दिया। उनके मरीज थे 40 वर्ष के बूमथाप और बूमथाप का कहना है कि उनका इलाज पीएम ने किया है। उन्होंने बताया कि बूमथाप को देश का बेस्ट डॉक्टर कहा जाता है और अब वह काफी राहत महसूस कर रहे हैं। पीएम शेरिंग कहते हैं कि राजनीति, डॉक्टरी से पूरी तरह से अलग है। इस अंतर के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल में वह मरीजों का चेकअप कर सकते हैं लेकिन सरकार में उनके पास स्वास्थ्य से जुड़ी नीतियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी होती है। वह उसे ठीक करने की कोशिशें भी कर सकते हैं। वह अपनी कार खुद ड्राइव करते हैं और अपने आधिकारिक ड्राइवर को शनिवार के दिन छुट्टी दे देते हैं।