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Covaxin: भारत बॉयोटेक, ICMR ने पब्लिश किया फेज-1 का डेटा, पढ़िए रिपोर्ट की खास बातें

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Bharat Biotech Published Covaxin Data: तीन सप्ताह पहले जब भारत सरकार ने देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जिन दो वैक्सीन के आपात उपयोग को मंजूरी दी थी उनमें से एक वैक्सीन पूरी तरह स्वेदश में निर्मित कोवैक्सीन (Covaxin) थी जिसे हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक और इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मिलकर विकसित किया था। इस वैक्सीन को देश में लगाया भी जा रहा है। अब भारत बॉयोटेक और आईसीएमआर ने वैक्सीन के फेज-1 परीक्षण का डेटा एक मेडिकल जर्नल लांसेट (Lancet) प्रकाशित किया है जिसमें पूरी जानकारी दी गई है।

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Bharat Biotech की Covaxin का पहला Trail लैसेंट की परीक्षा में पास | वनइंडिया हिंदी
Covaxin

रिपोर्ट के मुताबिक फेस 1 के ट्रायल में देश भर में 11 अलग-अलग स्थानों पर परीक्षण किया गया जिसमें 375 स्वस्थ वालंटियर ने हिस्सा लिया। 18 से 55 वर्ष की उम्र के इन वालंटियर को वैक्सीन दी गई और किसी में भी कोई गंभीर विपरीत असर नहीं देखा गया।

वैक्सीन का एंटीबॉडी रिस्पॉन्स
कोवैक्सीन की डोज कोरोना वायरस के खिलाफ दो तरह के इम्यून रिस्पॉन्स तैयार करती है। फेस-1 ट्रायल की रिपोर्ट में ये पाया गया है कि कोवैक्सीन की डोज कोरोना वायरस के कम से कम दो वेरिएंट के खिलाफ पूरी तरह असरदार है। इसके साथ ही यह शरीर में कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करता है जो कि महामारी को फैलने से रोकने के लिए सबसे जरूरी है। वैक्सीन की डोज SARS-CoV-2 इंफेक्शन को नियंत्रित करती है और कोविड-19 बीमारी में बढ़ने से रोकती है।

कैसे दी गई वैक्सीन की डोज
शोधकर्ताओं ने वैक्सीन की पहली और बूस्टर डोज के लिए अलग-अलग शेड्यूल रिपोर्ट किए हैं। इसमें एक त्वरित शेड्यूल हैं जिसमें वैक्सीन की डोज के दो सप्ताह में बूस्टर डोज दी जानी है या फिर नियमित शेड्यूल है जिमें वैक्सीन के 4 सप्ताह बाद बूस्टर डोज दी जाती है। नियमित शेड्यूल की दो अलग डोज को फेज-2 ट्रायल में इस्तेमाल किया गया।

वैक्सीन का विपरीत असर
अगर वैक्सीन लगाने के बाद विपरीत असर की बात करें तो वालंटियर में जो बात आम तौर पर देखी गई वह इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर दर्द होना था। उसके बाद सिरदर्द और बुखार था। कुल मिलाकर अगर सभी साइड इफेक्ट जैसे इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर लाल चकत्ते और सूजन या फिर बुखार जैसे दूसरे विपरीत असर को कुल मिलाकर बात करें तो यह 5 या 6 वालंटियर में से एक में पाया गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक अन्य दो कोविड-19 वैक्सीन के मुकाबले कोवैक्सीन से साइड इफेक्ट बहुत ही कम पाया गया।

एक गंभीर विपरीत असर जो पाया गया वह वैक्सीनेशन से अलग था। इसमें टीका दिए जाने के एक सप्ताह के भीतर ही, जब तक वैक्सीन अपना इम्यून रिस्पॉन्स विकसित नहीं कर पाई थी, वालंटियर का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आ गया था।

तीसरे चरण का डेटा अभी आना है बाकी
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और फाइजर के बाद भारत बॉयोटेक तीसरी कंपनी थी जिसने भारत सरकार के सामने अपनी कोवैक्सीन के आपात उपयोग के लिए अनुमति मांगी थी। केंद्रीय ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल संगठन (CDSCO) ने 2 जनवरी को इसके आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की थी और 3 जनवरी को डीसीजीआई ने इसकी मंजूरी दी थी।

भारत बॉयोटेक ने कोवैक्सीन के पहले फेज-1 और फेज-2 के ट्रायल डेटा को दिसम्बर 2020 में एक जनरल में प्रकाशित किया था। कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। वैक्सीन के इम्यून रिस्पॉन्स को अच्छी तरह से समझने के लिए 23 हजार वालंटियर के ऊपर इसका परीक्षण किया गया है।

तीसरे चरण का डेटा न जारी होने के चलते कोवैक्सीन की अनुमति देने के लिए सरकार की आलोचना भी की जाती है। हालांकि भारत बॉयोटेक ने वैक्सीन का बचाव किया है और इसे सुरक्षित बताया है। भारत बॉयोटेक ने पिछले दिनों ही घोषणा की थी अगर कोवैक्सीन लगाने पर किसी तरह का गंभीर दुष्परिणाम सामने आता है तो कंपनी मुआवजा देगी।

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English summary
bharat biotech published covaxin phase 1 data said vaccine fully safe
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