Benazir’s death anniversary: 1987 में एक शहजादी बनी थी दु्ल्हन, नाम था बेनजीर भुट्टो
नई दिल्ली। पूरब की बेटी के नाम से जानी जाने वाली बेनजीर किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और दो बार चुनी जाने वाली पाकिस्तान की पहली पीएम थीं। वे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रतिनिधि और शिया अनुयायी थीं। बेनजीर की हत्या को 10 साल बीत गए हैं, पर उनकी हत्या की गुत्थी आज भी अनसुलझी है। हालांकि कहा जाता है कि रावलपिंडी में बेनजीर पर हुआ हमला पाकिस्तानी तालिबान ने कराया था लेकिन हत्या के आरोप कभी परवेज मुशर्रफ तो कभी बेनजीर के पति आसिफ अली जरदारी पर लगते रहे हैं पर सच्चाई आज तक सामने नहीं आ पाई।
18 दिसंबर 1987
अब जब जरदारी का जिक्र हुआ है तो बात करते हैं बेनजीर से उनकी शादी की , 18 दिसंबर 1987 को पाकिस्तान के इतिहास में एक अनोखी शादी हुई थी। यह शादी थी जरदारी और बेनजीर भुट्टो की।
रसूख परिवार की खूबसूरत शहजादी
बेनजीर भुट्टों एक रसूख परिवार की खूबसूरत शहजादी और पाक राजनीति की सबसे ताकतवर महिला थीं जबकि जरदारी उम्र में बेनजीर से छोटे और सियासत के एक हारे हुए सिपाही थे।
बेमेल शादी से हैरान था
जिस समय दोनों की शादी का ऐलान हुआ था तो पाकिस्तान समेत समूचा विश्व इस बेमेल शादी से हैरान था हालांकि यह शादी अरेंजड की गयी थी लेकिन बेनजीर और जरदारी काफी लंबे अरसे से डेटिंग कर रहे थे।
शादी से तीन संतान
वैसे आसिफ अली जरदारी सिंध के एक प्रसिद्ध नवाब, शाह परिवार के बेटे और सफल व्यापारी थे। दोनों को शादी से तीन संतान हैं, पहला बेटा बिलावल और दो बेटियां बख्तावर और असीफा।
बेनजीर भुट्टो के लिए जिएंगे और मरेंगे
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के दूसरी शादी करने की खबरों ने सुर्खियां बटोरी थी, जिसका खंडन करते हुए जरदारी ने कहा था कि वो जीवनसाथी बेनजीर भुट्टो के लिए जिएंगे और मरेंगे। स्थानीय मीडिया और ऑनलाइन खबरों में बताया गया था कि उन्होंने अमेरिका की रहने वाली डॉक्टर तनवीर जमानी से शादी कर ली, जिसका जोरदार खंडन जरदारी ने किया था।
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ
वैसे ये विडंबना ही कही जाएगी कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने आसिफ अली जरदारी पर ही उनकी पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। मुशर्रफ के मुताबिक बेनजीर की मौत का सबसे ज्यादा लाभ जरदारी को ही मिलना था। राजनीतिक फायदे के लिए ही जरदारी ने बेनजीर की हत्या करवाई। गौरतलब है कि रावलपिंडी में एक राजनैतिक रैली के बाद आत्मघाती बम और गोलीबारी से दोहरा अक्रमण करके हत्या कर दी गई थी।
बिलावल भुट्टो
लेकिन बिलावल भुट्टो जरदारी ने हमेशा उनकी मां और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के लिए पाकिस्तान तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को कसूरवार ठहराया है।उन्होंने कहा की ये सारी लड़ाई वर्चस्व और पकिस्तान में सत्ता हासिल करने की थी।
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