बेल्जियम: पेरिस बम प्लॉट जिसमें ईरानी राजनयिक को मिली 20 साल जेल, गिरफ्तारी में लगे थे 3 देश
2018 Paris Bomb Plot: ब्रसेल्स। ईरान के राजनयिक असदुल्लाह असदी को गुरुवार को बेल्जियम की अदालत ने 20 साल की सज़ा सुनाई है। असदुल्लाह पर 2018 में फ्रांस में ईरान विरोधी समूह को निशाना बनाने की कोशिश के लिए बम हमले की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया है।
पेरिस में बम धमाके की थी योजना
अदालत ने फैसले में पाया कि असदी और तीन अन्य ने पेरिस के पास एक रैली के दौरान ईरान के राष्ट्रीय प्रतिरोध परिषद के शीर्ष नेताओं को मारने की योजना बनाई थी। जर्मन, फ्रेंच और बेल्जियम पुलिस ने इस साजिश का कामयाब होने से पहले ही खुलासा कर दिया था।
बेल्जियम के संघीय अभियोजक ने अदालत में जो दस्तावेज पेश किया है उसके मुताबिक असदी ने इस हमले को अंजाम देने के लिए वाणिज्यिक उड़ान से विस्फोटक को पहुंचाया था। असदी के साथ इस मामले में बेल्जियम की दोहरी नागरिकता रखने वाले तीन ईरानियों को भी दोषी ठहराया गया था। तीनों से उनकी बेल्जियम की नागरिकता छीन ली गई है।
जर्मनी में छुट्टी मनाते समय किया था गिरफ्तार
इन सभी की योजना रैली में धमाका करके कई लोगों की हत्या करने की थी। दो दोषियों को बेल्जियम पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था जब वे रैली वाले दिन 500 ग्राम विस्फोटक और डेटोनेटर लेकर जा रहे थे। अभियोजकों ने बताया कि दोनों को असादी ने बम के लिए जरूरी सामान दिया था और इसे रैली में ले जाने के लिए कहा था। दोनों को 18 साल की सज़ा सुनाई गई है। वहीं एक दूसरे ईरानी-बेल्जियम नागरिक ने इन दोनों को रैली तक पहुंचाने में मदद की थी। उसे 15 साल की सजा सुनाई गई है।
मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शुरुआत में असदी ने राजनयिक विशेषाधिकार के तहत मिली छूट के तहत कोर्ट में पेश होने से इनकार कर दिया था। बाद में उन्हें जुलाई 2018 में जर्मनी से गिरफ्तार किया गया जब वे छुट्टियां मनाने के लिए पहुंचे हुए थे। इसके पीछे यूरोप के कई देशों ने मिलकर काम किया था।
नहीं मिली थी राजनयिक छूट
जिस समय असदी की गिरफ्तारी की गई उस समय वे आस्ट्रिया से बाहर थे, जिसके चलते जर्मनी ने कहा कि वियना में उन्हें मिली राजनयिक छूट यहां लागू नहीं होगी और जर्मनी ने उन्हें बेल्जियम को प्रत्यर्पित कर दिया गया।
असदी की गिरफ्तारी के बाद, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, बहराम घासेमी ने जर्मनी के फैसले पर अफसोस जाहिर किया था। उन्होंने दावा किया कि यह यूरोप और ईरान के बीच संबंधों को तोड़ने के लिए एक साजिश का हिस्सा था।
फैसले के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा "कोर्ट के आदेश में जो बाद महत्वपूर्ण है वह यह कि राजनयिक को आपराधिक कृत्यों के लिए छूट नहीं मिल सकती।"
2018 में बम हमले की नाकाम कोशिश के बाद फ्रांस की सरकार ने ऑपरेशन के पीछे ईरानी खुफिया एजेंसियों पर आरोप लगाया था जिसका तेहरान ने सख्ती से इनकार किया था। ईरान ने एनसीआरआई द्वारा लगाए गए बम साजिश के आरोपों को झूठ का परचम कहा था। NCRI के ईरान एक आतंकी संगठन मानता है।
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