क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बेलारूस चुनाव: 26 साल की सत्ता को 37 साल की स्वेतलाना ने हिलाकर रख दिया

65 वर्षीय राष्ट्रपति लुकाशेंको जिन्हें कभी-कभी 'यूरोप का अंतिम तानाशाह' भी कहा जाता है, ने 1994 में पहली बार चुना जीता था.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
EPA
EPA
EPA

बेलारूस की राजधानी मिंस्क समेत देश के कई अन्य शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों की ख़बर है.

बताया जा रहा है कि बेलारूस के सरकारी टीवी चैनल ने रविवार को हुए चुनाव के 'एग्ज़िट पोल' जारी किए हैं. इनमें लंबे समय से सत्ता में बने हुए अलेग्ज़ेंडर लुकाशेंको को बड़ी जीत की ओर बताया गया, जिसके बाद लुकाशेंको को नापसंद करने वाले नागरिक सड़कों पर उतर आए.

मिंस्क में, पुलिस ने सिटी सेंटर के पास जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुन्न कर देने वाले हथगोलों का इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से कुछ लोगों के घायल होने की ख़बरें आई हैं.

सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारित हुए चुनावी एग्ज़िट पोल में दिखाया गया कि लुकाशेंको ने लगभग 80 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं और वे देश के सभी ज़िलों में जीत रहे हैं. जबकि मुख्य विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना तिखानोव्सना को सिर्फ़ 7% वोट मिले हैं. लुकाशेंको को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का समर्थन मिला रहता है.

पुतिन क्या बेलारूस को रूस में मिलाने वाले हैं?

EPA
EPA
EPA

रविवार देर शाम हुई एक प्रेस वार्ता में स्वेतलाना ने कहा है कि 'उन्हें इन आँकड़ों पर बिल्कुल विश्वास नहीं हो रहा. मुझे अपनी आँखों पर विश्वास है और मैं देख सकती हूँ कि बेलारूस का बहुमत हमारे साथ है.'

37 वर्षीय स्वेतलाना ने अपने जेल में बंद पति के स्थान पर यह चुनाव लड़ा और विपक्ष की बड़ी रैलियों का उन्होंने नेतृत्व किया.

विपक्ष ने पहले ही कहा था कि उन्हें वोटों में धांधली होने की उम्मीद है, इसलिए वो वोटों की एक वैकल्पिक गिनती रखेगा.

वहीं 1994 से सत्ता में बैठे लुकाशेंको ने क़सम खाई है कि 'देश में स्थिति नियंत्रण में रहेगी.'

कहा जा रहा है कि रविवार के एग्ज़िट पोल के बाद, बेलारूस में विपक्ष की बीते कुछ वर्षों की सबसे बड़ी रैली देखने को मिली जिसके बाद बेलारूस प्रशासन चुनिंदा सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को निशाना बना रहा है.

REUTERS
Reuters
REUTERS

वहाँ अभी क्या चल रहा?

मिंस्क शहर में, रविवार देर रात 'मिंस्क-हीरो सिटी' स्मारक के पास हिंसक झड़पें हुईं.

प्रत्यक्षदर्शियों और संवाददाताओं का कहना है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया और लोगों पर वाटर कैनन से हमला किया गया.

कई एम्बुलेंसों को घटनास्थल की ओर जाते हुए देखा गया है.

सोशल मीडिया के ज़रिए कई वीडियो सामने आ रहे हैं जिनमें प्रदर्शनकारियों को पुलिस से लड़ते देखा जा सकता है और स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि 'कई लोग गिरफ़्तार कर लिए गए हैं.'

Reuters
Reuters
Reuters

मिंस्क की सड़कों पर जो भीड़ जमा है वो लुकाशेंको के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रही है, बहुत जगह 'लुकाशेंको गो अवे!' जैसे नारों की गूँज सुनाई दे रही है, इन लोगों का कहना है कि 'लुकाशेंको को सत्ता से हट जाना चाहिए.'

इसी तरह के बड़े प्रदर्शन ब्रेस्ट और ज़ोडिनो शहर में भी रात भर होते रहे.

इन सब के बीच, इंटरनेट की मॉनिटरिंग करने वाले समूह 'नेटब्लॉक' ने कहा कि पूरे बेलारूस में कनेक्टिविटी 'काफ़ी बाधित' हो गई थी, जिसकी वजह से लोगों को मौजूदा स्थिति की सही जानकारी हासिल करने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

बेलारूस
Reuters
बेलारूस

पूरा मामला क्या है?

65 वर्षीय राष्ट्रपति लुकाशेंको जिन्हें कभी-कभी 'यूरोप का अंतिम तानाशाह' भी कहा जाता है, ने 1994 में पहली बार चुना जीता था.

2015 के चुनाव में भी उन्होंने बड़ी जीत की घोषणा की थी. उस साल लुकाशेंको को 83.5% वोट के साथ विजेता घोषित किया गया था.

हालांकि उस समय उन्हें चुनौती देने वाला कोई गंभीर उम्मीदवार मैदान में नहीं था और चुनाव के पर्यवेक्षकों ने मतों की गिनती और सारणीकरण में कुछ कमियाँ बताई थीं.

इस साल के चुनाव को उनके 'नेतृत्व में हताशा के बढ़ते संकेतों के बीच' आयोजित किया गया.

फिर स्वेतलाना ने भी अच्छा चुनाव लड़ा, चुनाव अभियान के दौरान लोगों को लगा कि वो एक अच्छा नेतृत्व दे सकती हैं और वे चुनाव के दौरान लगातार चर्चा का विषय बनी रहीं.

स्वेतलाना एक शिक्षिका रह चुकी हैं और सक्रिय राजनीति में आने से पहले वह एक सामान्य गृहणी के तौर पर अपने बच्चे को समय दे रही थीं.

लेकिन उनके पति को गिरफ़्तार किये जाने और वोट के लिए पंजीकरण करने पर लगी रोक के बाद, स्वेतलाना ने अपने पति की जगह राजनीति में क़दम रखा.

European Photopress Agency
European Photopress Agency
European Photopress Agency

चुनाव की शुरुआत में उन्होंने बीबीसी से कहा था कि 'बेलारूस की जनता को यह विश्वास नहीं है कि हमारे देश में निष्पक्ष चुनाव होना संभव है.'

उन्होंने कहा था, "मगर मुझे अभी भी विश्वास है कि हमारे राष्ट्रपति इस बात को समझेंगे कि उनका समय समाप्त हो गया है. लोग अब उन्हें नहीं चाहते हैं."

वहीं राष्ट्रपति लुकाशेंको स्वेतलाना को एक 'छोटी बच्ची' बताते हुए, अब तक ख़ारिज करते रहे हैं. लुकाशेंको कहते हैं कि स्वेतलाना को 'विदेशों से ताक़त' मिलती है और वो उनकी 'कठपुतली' के तौर पर काम कर रही हैं.

लुकाशेंको स्वेतलाना के समर्थकों के प्रति विशेष रूप से कठोर रहे हैं. पिछले महीने जब दसियों हज़ार लोग मिंस्क की एक सभा में शामिल हुए, जिसे बीते एक दशक में विपक्षियों का सबसे बड़ा प्रदर्शन कहा गया, तो बेलारूस प्रशासन ने कुछ लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू की.

विएना के ह्यूमन राइट्स सेंटर के अनुसार, मई में चुनाव अभियान शुरू होने के बाद से 2,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.

Reuters
Reuters
Reuters

मतदान से एक दिन पहले स्वेतलाना की टीम ने यह जानकारी दी थी कि उनकी कैंपेन मैनेजर को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उन्हें सोमवार से पहले रिहा नहीं किया जाएगा.

वोटिंग वाले दिन भी बेलारूस में इंटरनेट सेवाओं को बाधित रखा गया. विपक्ष के समर्थकों का कहना है कि बिना इंटरनेट के चुनावी धांधली के ख़िलाफ़ सबूत जुटाना वाक़ई मुश्किल काम है, इसलिए सरकार ने ऐसा किया.

निष्पक्ष चुनावों को लेकर बेलारूस में पहले ही चिंताएं थीं क्योंकि चुनावी पर्यवेक्षकों को चुनाव की निगरानी के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था और मतदान की आधिकारिक तिथि से एक दिन पहले 40% से अधिक वोट डाले गए.

असंतोष के कई अन्य कारणों के अलावा, कोरोना वायरस महामारी के ख़िलाफ़ लुकाशेंको प्रशासन का जो रवैया रहा है, उसने भी लोगों के गुस्से को कुछ हद तक भड़काया है.

राष्ट्रपति लुकाशेंको महामारी के प्रकोप को 'बहुत हल्का' बताते रहे हैं. उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए देशवासियों को वोदका पीने और सोना बाथ (गर्म पानी से स्नान) की सलाह दी है.

बेलारूस, जिसकी आबादी क़रीब 95 लाख है, वहाँ अब तक कोरोना के 70,000 मामले दर्ज किये जा चुके हैं और 600 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Belarus Election: 37-year-old Svetlana shook power of 26 years government
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X