सावधान! खांसी-बुखार से पहले ये भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं
नई दिल्ली- नोवल कोरोना वायरस जितना जानलेवा है, उतने ही इसके लक्षण भी नए-नए सामने आ रहे हैं। अमेरिका के अस्पतालों में भर्ती लाखों मरीजों में से लगभग आधे पर रिसर्च करके शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि कोरोना के कई मरीजों में उसके सामान्य लक्षणों जैसे कि खांसी-बुखार से भी पहले कुछ लक्षण देखने में आ सकते हैं, जो कोविड-19 के संक्रमण होने के संकेत हो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि उनकी रिसर्च आम जनता के साथ-साथ कोविड-मैनेजमेंट में लगे तमाम लोगों के लिए बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। यही नहीं इस रिसर्च में पता चला है कि कोरोना का वायरस मरीजों के पूरे नर्वस सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित कर देता है। यानि अगर मरीज इससे उबर भी जाए तो उसके शरीर को इसके चलते काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
खांसी-बुखार से पहले ये लक्षण भी कोरोना के संकेत हैं-शोध
अमेरिका में कोरोना वायरस पर एक नया रिसर्च हुआ है, जिसके मुताबिक यह वायरस मरीज के पूरे नर्वस सिस्टम के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। यह स्टडी इसलिए की गई है, ताकि मरीजों के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम से जुड़ी परेशानियों जैसे कि सिरदर्द, जकड़न और स्ट्रोक जैसी अवस्थाओं को बेहतर तरीके से इलाज किया जा सके। सबसे बड़ी बात इस स्टडी में ये सामने आई है कि कोरोना मरीजों में ये न्यूरोलॉजिकल लक्षण खांसी-बुखार जैसे कोविड-19 के सर्वमान्य लक्षणों से भी पहले महसूस किए जा सकते हैं। स्टडी में कोविड-19 के मरीजों में खांसी-बुखार और सांस की तकलीफ से भी पहले जिन लक्षणों के उभरने की संभावना जताई गई है, उनमें सिरदर्द, जकड़न और स्ट्रोक के अलावा, चक्कर आना, सतर्कता में कमी, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत, स्वाद और सुगंध का पता नहीं चल पाना, कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण शामिल हैं।
इन लक्षणों के प्रति सचेत रहना जरूरी- वैज्ञानिक
यह रिसर्च जर्नल एनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। इसके मुताबिक अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के करीब आधे मरीजों में न्यूरोलॉजी से जुड़ी समस्याएं पाई गई हैं। अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में स्टडी प्रमुख लेखक डॉक्टर इगोर कोरालनिक ने कहा है, 'आम जनता और डॉक्टरों के लिए इसके बारे में पता होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि SARS-COV-2 इंफेक्शन बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ से पहले न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के रूप में हो सकता है।'
नर्वस सिस्टम को चौपट कर सकता है कोरोना
इस रिसर्च में बताया गया है कि नोवल कोरोना वायरस रीढ़ की हड्डियों, मस्तिष्क, तंत्रिकाओं और मांसपेशियों समेत पूरे नर्वस सिस्टम पर असर डाल सकता है। डॉक्टर कोरालनिक के अनुसार यह वायरस अलग-अलग तरीके से न्यूरोलॉजिकल डिसफंक्शन की वजह बन सकते हैं। वैसे तो यह बीमारी फेफड़ों, किडनी और हृदय को ज्यादा प्रभावित करता है, ऑक्सीजन की कमी के चलते दिमाग पर असर डाल सकता है; और इसकी वजह से क्लॉटिंग डिजॉर्डर हो सकती है, जो स्ट्रोक तक का कारण बन सकता है।
संक्रमण को लेकर करता है चौकन्ना
वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि यह वायरस ब्रेन और मेनिन्जेस को भी सीधे संक्रमित कर सकता है। इसके साथ-साथ यह इम्यून सिस्टम में सूजन ला सकता है, जिसके कारण मस्तिष्क और तंत्रिकाए क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तरह के रिसर्च से कोविड-19 के मरीजों के न्यूरोलॉजिक लक्षण का पता लगाकर उसका इलाज किया जा सकता है। लेकिन, आम लोगों और डॉक्टरों के लिए यह रिसर्च बड़े काम की साबित हो सकती है और यह वायरस के संक्रमण को लेकर लोगों को पहले से ही चौकन्ना कर कता है।