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बीबीसी में सैलरी को लेकर भेदभाव के चलते महिला संपादक ने दिया इस्तीफा

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नई दिल्ली। महिलाओं के साथ भेदभाव की कई खबरें आपने सुनी होंगी, लेकिन इस बार यह खबर दुनिया की जानी-मानी मीडिया संस्था बीबीसी का है, जहां महिला एडिटर ने सैलरी में पुरुष कर्मचारी की तुलना में कम सैलरी को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चीन में बीबीसी की एडिटर कैरी ग्रेसी ने बीजिंग में अपने पुरुष कर्मचारी की तुलना में कम सैलरी के विवाद के चलते इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे के बाद एक खुला पत्र लिखा जिसमे उन्होंने बीबीसी पर सवाल खड़े किए हैं। हाल ही में बीबीसी उस समय विवाद में आया था जब पुरुष कर्मचारी की महिला कर्मचारी की तुलना में अधिक सैलरी देने का मामला सामने आया है।

30 वर्ष काम के बाद लिखा खुला पत्र

30 वर्ष काम के बाद लिखा खुला पत्र

पिछले वर्ष जुलाई माह में जो रिपोर्ट सामने आई थी उसके अनुसार बीबीसी ने अपने शीर्ष पांच स्टार पुरुष कर्मचारियों को महिला कर्मचारियों की तुलना में पांच गुना अधिक सैलरी दी जा रही है, यही नहीं दो तिहाई कर्मचारी जोकि ऑन एयर आते हैं वह 150,000 पाउंड कमा रहे हैं और यह पुरुष कर्मचारी हैं। कैरी ग्रेसी ने बीबीसी को जो खुला पत्र लिखा है उसमे उन्होंने लिखा है कि संस्थान में भरोसे में कमी है, जहां उन्होंने 30 वर्ष तक काम किया, वहां नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है और सैलरी स्ट्रक्चर में भेदभाव किया जा रहा है।

50 फीसदी अधिक सैलरी

50 फीसदी अधिक सैलरी

आपको बता दें कि बीबीसी के पास चार इंटरनेशनल एडिटर हैं, जिसमे दो पुरुष और दो महिला एडिटर हैं, ग्रेसी इसमे से एक हैं। जब पिछले वर्ष बीबीसी की ओर से सैलरी सेटलमेंट की जानकारी साझा की गई तो ग्रेसी ने कहा कि उन्हे पता चला कि दो पुरुष कर्मचारी महिला कर्मचारियों से 50 फीसदी अधिक पैसा पा रहे हैं, जबकि वह एक ही पद पर हैं। उन्होंने कहा कि उसके बाद मैंने मेरी सैलरी को बढ़ाए जाने को कहा था, लेकिन इसके बावजूद सैलरी को बढ़ाया नहीं गया, जिसके बाद मैंने बीजिंग में पिछले हफ्ते अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वापस अपनी पुराने पद पर आने का फैसला लिया जोकि बीबीसी के टीवी न्यूजरूम में थी।

बीबीसी ने दी सफाई

बीबीसी ने दी सफाई

कैरी ग्रेसी ने कहा कि बीबीसी को इस समस्या को स्वीकार करना चाहिए और इसपर माफी मांगते हुए सभी को समान दर्जा देते हुए बराबर की सैलरी देनी चाहिए। उन्होंने इस पूरे विवाद के लिए किसी स्वतंत्र संस्था के गठन की मांग की है। वहीं इस पूरे मामले में बीबीसी के प्रवक्ता कहा कि संस्था में सैलरी को लेकर पारदर्शिता काफी अहम है, इसके लिए हमने एक ऑडिट कराया जिसे इस बात की जिम्मेदारी दी गई थी कि रैंक के अनुसार सैलरी दी जा रही है या नहीं, यह ऑडिट एक स्वतंत्र जज के द्वारा की गई। ऑडिट में कहा गया है कि महिलाओं के साथ किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया गया है।

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English summary
BBC China editor Carrie Gracie quit her post alleging discrimination. She alleges that male employees are getting more salary than the female.
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