नेल्सन मंडेला के 100वें जन्मदिन पर डोनाल्ड ट्रंप पर बराक ओबामा का बड़ा हमला, दिन पर दिन बढ़ रही है झूठ बोलने वाले तानाशाह नेताओं की संख्या
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मंगलवार को साउथ अफ्रीका के शहर जोहान्सिबर्ग में थे। मौका था पूर्व अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की 100वें जन्मदिन का और इस मौके पर ओबामा ने अप्रत्यक्ष तौर पर अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला बोला।
जोहान्सिबर्ग। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मंगलवार को साउथ अफ्रीका के शहर जोहान्सिबर्ग में थे। मौका था पूर्व अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की 100वें जन्मदिन का और इस मौके पर ओबामा ने अप्रत्यक्ष तौर पर अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला बोला। ओबामा ने यहां पर मंडेला के सम्मान में जो भाषण दिया उसके जरिए उन्होंने अपने समर्थकों की उस मांग को भी पूरा किया जिसमें वह ओबामा वर्तमान हालातों पर क्या सोचते हैं, ये जानना चाहते थे। ट्रंप ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद जो प्रेस कांफ्रेंस में हुई उसने ट्रंप के आलोचकों की संख्या बढ़ा दी है। अमेरिका में चारों तरफ ट्रंप की आलोचना हो रही है। ये भी पढ़ें- गांधी को आदर्श मानने वाले मंडेला थे अमेरिका की टेरर वॉच लिस्ट में!
दुनिया की राजनीति में तानाशाही हावी
ओबामा ने जोहान्सिबर्ग में लोकतंत्र का समर्थन किया और दुनिया भर में 'स्ट्रॉन्गमैन पॉलिक्टक्स' यानी तानाशाही वाली राजनीति के चलन के बढ़ने पर चेतावनी दी है। ओबामा ने अपने भाषण में दुनिया के कई देशों जारी लोकाधिकारीवादी आंदोलनों को लेकर चेताया है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि 'यह राजनेताओं के लिए काफी शर्म की बात है कि वे झूठ बोलते हैं।' ओबामा ने ट्रंप का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने जमकर उनकी निंदा की। ओबाम ने ट्रंप की कुछ खास नीतियों जिसमें क्लामेट चेंज से अमेरिका का नाम वापस लेना और बॉर्ड्स को बंद करना शामिल है, उन्हें आड़े हाथों लिया।
डर और भेदभाव की नीति हावी
ओबामा ने कहा, 'डर और भेदभाव' की नीति अब नजर आने लगी है। इस तरह की ही राजनीति अब दुनिया में बढ़ती जा रही है। ओबामा की मानें तो यह इतनी तेज गति से आगे बढ़ रही है कि इसकी कल्पना तक कुछ वर्षों पहले तक नहीं की गई थी। ओबामा जोहान्सिबर्ग में जिस जगह पर भाषण दे रहे थे वहां पर करीब 15,000 लोग मौजूद थे। ओबामा ने कहा, 'मैं किसी में भी डर की भावना पैदा नहीं कर रहा हूं लेकिन वहीं कह रहा जो सच है। अपने आस-पास देखिए, कुछ जगहों पर चुनाव और लोकतंत्र को बरकरार रखा गया है। इसका स्वरूप बरकरार है। कुछ लोग जो सत्ता में हैं वे लोकतंत्र को एक अर्थ देने वाली हर संस्था को बर्बाद करने में लगे हैं।'
लगातार झूठ बोलते हैं नेता
ओबामा ने कहा लोग कुछ मनगढ़ंत बातें गढ़ते हैं और हम देशों की ओर से समर्थित प्रपोगेंडा को तेजी से बढ़ते हुए देख रहे हैं। इंटरनेट के जरिए इसका प्रसार हो रहा है। ओबामा की मानें तो अब न्यूज और मनोरंजन के बीच सिर्फ एक हल्की ही रेखा बची है। ओबाम ने कुछ नेताओं को हम झूठ बोलते देखते हैं तो शर्म से गड़ जाते हैं। ये नेता और नीचे गिरते हैं और फिर और ज्यादा झूठ बोलते हैं। ओबामा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब प्रेस आजाद नहीं है और सरकारी मीडिया पर भी नियंत्रण है। सोशल मीडिया का प्रयोग भी नफरत, प्रपोगेंडा और षडयंत्र को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
ओबामा का हाई-प्रोफाइल कमबैक
बराक ओबामा, नेल्सन मंडेला से काफी प्रभावित हैं। मंडेला की ही तरह वह भी अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे। साल 2017 में जबसे ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद छोड़ा है, 16वां एनुअल नेल्सन मंडेला लेक्चर, उनका हाई-प्रोफाइल कमबैक था। इसी लेक्चर के साथ वह एक बार फिर से अफ्रीका वापस पहुंचे थे।