छेड़छाड़ के दोषी मौलवी ने लड़की को जिंदा जलाया, 16 लोगों को सुनाई गई मौत की सजा
ढाका। भारत के एक पड़ोसी देश में यौन उत्पीड़न से जुड़ एक मामले में दुनिया के सामने एक बड़ा उदाहरण पेश किया है। पड़ोसी बांग्लादेश की कोर्ट ने 19 साल की स्कूल जाने वाली लड़की नुसरत जहां रफी की हत्या के मामले में दोषी पाए गए 16 लोगों को मौत की सजा सुनाई है। नुसरत को इस वर्ष अप्रैल में छेड़छाड़ का विरोध करने पर जिंदा जला दिया गया था। उसकी मौत के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। नुसरत पर पहले केरोसिन डाला गया और फिर उसे आग लगा दी गई थी। उसे सिर्फ इसलिए जिंदा जला दिया गया था क्योंकि उसने उस मदरसे के खिलाफ दर्ज कराई यौन उत्पीड़न की अपनी शिकायत को वापस लेने से इनकार कर दिया था।
पीएम हसीना ने पूरा किया अपना वादा
अभियोजन पक्ष के वकील हफीज अहमद ने मीडिया को बताया था कि कोर्ट रूम में लोगों का हुजूम था जिस समय मौलवी को सजा सुनाई गई थी। वकील की मानें तो इस फैसले से साबित हो गया है कि कोई भी हो देश में हत्या करने के बाद कोई भी बच नहीं सकता है। साथ ही अब दुनिया को मालूम है कि देश में कानून व्यवस्था जैसी कोई चीज भी है। पुलिस का कहना था कि नुसरत की हत्या टीचर के आदेश पर की गई थी। प्रधानमंत्री शेख हसीना की ओर से इस घटना के दोषियों को सजा देने की बात कही गई है। नुसरत की तरफ से इस वर्ष 27 मार्च को पुलिस में यौन उत्पीड़न की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई थी।नुसरत ने अपने भाई के मोबाइल फोन पर अपना आखिर बयान दर्ज कराया। नुसरत ने इसमें अपने हमलावरों की पहचान की है। नुसरत ने आखिरी बार कहा था, 'टीचर ने मुझे छुआ है और मैं इस अपराध के खिलाफ अपनी आंखिरी सांस तक लड़ूंगी।'घटना ढाका से करीब 150 किलोमीटर दूर छोटे से शहर फेनी की है। नुसरत ने अपनी शिकायत में बताया था कि स्कूल का प्रिंसिपल उसे अपने ऑफिस में बुलाता था और बार-बार उसे गलत तरीके से छूता था। जब चीजें उसके नियंत्रण के बाहर हो गईं तो वह वहां से भाग गई।
मदरसे की छत पर हुई नुसरत की हत्या
नुसरत ने लोकल पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ऑफिसर ने मोबाइल पर नुसरत की गवाही की रिकॉर्डिंग की थी। नुसरत अपने साथ हुए बर्ताव को बताते हुए बहुत ही असहज थी और ऑनलाइन रिलीज वीडियो में इस बात की पुष्टि भी होती है। पूरे समय उसने अपने हाथों से चेहरा ढंका हुआ था। पुलिस ऑफिसर ने उससे कहा कि उसे अपना चेहरा नहीं छिपाना चाहिए क्योंकि यह कोई बड़ी बात नहीं है। छह अप्रैल को यानी घटना के 11 दिन बाद नुसरत अपनी फाइनल एग्जाम के लिए स्कूल गई थी। यहां पर एक लड़की यह कहकर नुसरत को छत पर ले गई कि उसकी एक दोस्त की पिटाई हो रही है। छत पर पहले से ही चार से पांच लोग मौजूद थे। उन्होंने नुसरत से केस वापस लेने का दबाव डाला। जब नुसरत ने मना कर दिया तो उस पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जिंदा जला दिया गया। नुसरत को 80 प्रतिशत जली हुई हालत में अस्पताल लाया गया था। डॉक्टर उसका इलाज करने में असमर्थ थे। फिर उसे ढाका मेडिकल कॉलेज हास्पिटल भेजा गया। यहां पर 10 अप्रैल को नुसरत ने दम तोड़ दिया।