बैंकॉक में जहरीला स्मॉग, लोगों की नाक से निकला खून और लाल हुईं आंखें
बैंकॉक। थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक इस समय खतरनाक स्मॉग करने को मजबूर है। यहां पर स्मॉग की वजह से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ तो हो रही है साथ ही साथ कई लोगों की नाक से खून तक निकल रहा है। इसके अलावा उनकी आंखें भी पूरी तरह से लाल हो रही हैं। लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मास्क पहनने की सलाह दी गई है। थाइलैंड की राजधानी जो पूरी दुनिया में पर्यटन के लिए मशहूर है, वहां पर हवा में जहर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है।
सोशल मीडिया पर दे रहे हैं सलाह
लोग सोशल मीडिया की मदद से एक दूसरे को सलाह दे रहे हैं और उन्हें अलर्ट रहने को भी कह रहे हैं। लोगों ने फेसबुक और ट्विटर पर कई ऐसी फोटोग्राफ्स शेयर की हैं जिसमें उनकी लाल आंखें और नाक से निकलता खून साफ नजर आ रहा है। बैंकॉक में जहरीले तत्व जिन्हें पीएम 2.5 के तौर पर जाना जाता है, वह 41 इलाकों में खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं। पीएम 2.6 तरह बूंदों और ठोस तत्वों का मिश्रण होता है। इसके अलावा इसमें धूल और धुंआ भी शामिल होता है। लोगों में हालातों को लेकर बेचैनी बढ़ती ही जा रही है।
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अगरबत्ती जलाने पर भी रोक
वह सोशल मीडिया पर आकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं। एयर पॉल्यूशन की वजह से थाइलैंड के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा डीजल की कारों को भी बैन कर दिया गया है और किसी भी तरह के सामान को जलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। लोगों को चाइनीज न्यू ईयर को देखते हुए अगरबत्ती तक जलाने के लिए मना कर दिया गया है।
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बैंकॉक में भी पराली का कहर
सेना को देश भर में मौजूद फैक्ट्रियों का निरीक्षण करने का आदेश भी दिया गया है। पिछले हफ्ते एयरविजुअल.कॉम की ओर से दुनियाभर के शहरों में मौजूद हवा के स्तर को परखा गया था। बैंकॉक इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर था तो दिल्ली नंबर वन था। बैंकॉक में इस वायु प्रदुषण के लिए ट्रैफिक के अलावा खेतों में पराली जलाने के साथ ही साथ फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदुषण को भी जिम्मेदार बताया गया है।
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इंसान भी बुरी तरह से प्रभावित
जहरीली हवा का स्तर इतना ज्यादा है कि इससे लोगों के फेफड़ों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इंसानों को तो इससे तकलीफ हो ही रही साथ ही साथ जानवरों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है। डॉक्टरों की मानें तो एयर पॉल्यूशनआंख, नाक, गले से होता हुआ हमारे फेंफडों, दिल और लीवर तक पहुंचता हुआ किडनी पर असर डालता है।