विजय शेषाद्री के साथ ही भारत के हिस्से में आया पांचवां पुलित्जर
शेषाद्री को यह पुरस्कार कविता की श्रेणी में उनकी कविताओं के संग्रह '3 सेक्शंस' के लिए दिया गया है। 98वें वार्षिक पुलित्जर पुरस्कार का आयोजन सोमवार को कोलंबिया विश्वविद्यालय में किया गया था। यह पुरस्कार पत्रकारिता, कविता, ड्रामा और संगीत की श्रेणियों में दिए जाते हैं।
शेषाद्री की कविता '3 सेक्शंस' मानवीय जिंदगी के कुछ पहलुओं का जिक्र किया गया है। कोलंबिया के पूर्व छात्र रहे शेषाद्री को इस पुरस्कार के तहत 10,000 अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे।
पुलित्जर पुरस्कार की वेबसाइट पर शेषाद्री का जो परिचय दिया गया है, उसके मुताबिक शेषाद्री फिलहाल न्यूयॉर्क के साराह लॉरेंस कॉलेज में पोएट्री के प्रोफेसर हैं।
शेषाद्री का जन्म बैंगलोर में वर्ष 1954 में हुआ था और पांच वर्ष की उम्र में वह अमेरिका चले गए। ओहियो के कोलंबस में वह पले-बढ़े। शेषाद्री पांचवें भारतीय व्यक्ति हैं जिन्हें पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया है।
वर्ष 1937 में गोविंद बिहारी लाल के साथ भारत के हिस्से में पहला पुलित्जर पुरस्कार आया। उसके बाद भारतीय-अमेरिकी लेखिका झुम्पा लाहिड़ी को वर्ष 2000 में उनकी पुस्तक 'इंटरप्रेटेर्स ऑफ मालादीज' के लिए पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया था।
लाहिड़ी के बाद भारतीय मूल की पत्रकार गीता आनंद को वर्ष 2003 में यह पुरस्कार मिला। आनंद वॉल स्ट्रीट जनरल की एक इनवेस्टिगेटिव पत्रकार और फीचर राइटर थीं। इसके बाद वर्ष 2011 में सिद्धार्थ मुखर्जी को कैंसर पर लिखी गई उनकी किताब के लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार हासिल हुआ।