क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ऑस्ट्रेलिया के लोगों की मांगः माता-पिता को परिवार का हिस्सा मानो

Google Oneindia News

ऐडिलेड, 09 अगस्त। शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के राज्य साउथ ऑस्ट्रेलिया की राजधानी ऐडिलेड में दर्जनों परिवार एक जगह जमा हुए. उनके हाथों में ऐसे बैनर और पोस्टर थे, जिन पर लिखा था कि माता-पिता भी 'निकटतम परिवार' का हिस्सा हैं.

Provided by Deutsche Welle

ये लोग उन हजारों लोगों में शामिल हैं जो महीनों से ऑस्ट्रेलिया सरकार से मांग कर रहे हैं कि माता-पिता को 'निकटतम परिवार' का हिस्सा माना जाए. ऐसा ऑस्ट्रेलिया में कोरोनावायरस के कारण लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण है.

क्या है पूरा मामला

पिछले साल जब कोरोनावायरस के कारण ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सीमाएं आने-जाने के लिए बंद कर दी थीं, तब कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे. इन प्रतिबंधों के तहत ऑस्ट्रेलिया के स्थायी निवासियों और नागरिकों को देश छोड़कर जाने की इजाजत विशेष परिस्थितियों में ही मिल सकती है.

कई महीनों से जारी हैं प्रदर्शन

इन प्रतिबंधों में यह भी शामिल है कि विदेशों से वही लोग ऑस्ट्रेलिया आ सकते हैं, जिनके निकटतम परिजन यहां ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं. 'निकटतम परिजन' को ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्रालय ने जो परिभाषा दी है, उनमें वयस्कों के माता-पिता शामिल नहीं हैं.

ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्रालय पर प्रकाशित नियमावली के अनुसार "पति, पत्नी, जीवनसाथी, माता-पिता पर निर्भर बच्चों या अवयस्क बच्चों के कानूनन अभिभावकों को" ही 'निकटतम परिजन' माना जाएगा. यानी ऑस्ट्रेलिया में रह रहे वयस्क लोगों के माता-पिता उनके निकटतम परिजन नहीं हैं. इस नियम के कारण कोई भी विदेशों से अपने माता-पिताओं को ऑस्ट्रेलिया नहीं बुला सकता.

'अमानवीय स्थिति'

एडिलेड में प्रदर्शन में शामिल हुए भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक मानव जग्गी कहते हैं कि यह अमानवीय स्थिति है. वह बताते हैं, "अभी हमारे माता-पिता ऑस्ट्रेलिया नहीं आ सकते क्योंकि वे निकटतम परिजनों की श्रेणी में नहीं आते. माता-पिता हमारे परिवारों के लिए उतने ही अहम हैं, जितने यहां ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले उन परिवारों के लिए, जिनके माता पिता यहीं हैं. लेकिन इस नियम के कारण हम उनसे मिल नहीं सकते."

तस्वीरों मेंः ऑस्ट्रेलिया ने लौटाईं चुराई गईं कलाकृतियां

मानव जग्गी कहते हैं कि चूंकि ऑस्ट्रेलिया से बाहर जाने पर भी पाबंदी लगी है, इसलिए हम अपने माता-पिता के पास जा भी नहीं सकते.

वह कहते हैं, "ऑस्ट्रेलिया से बाहर जाने के लिए विशेष इजाजत लेनी पड़ती है, जिसकी सख्त शर्तें हैं. एक तो आप विशेष आपातकालीन परिस्थितियों में ही देश छोड़ सकते हैं. फिर यह भी शर्त रखी जाती है कि लौटने में कम से कम तीन महीने तक या उससे ज्यादा समय भी लग सकता है. बहुत से लोगों की नौकरियां हैं, यहां पारिवारिक जिम्मेदारियां हैं. यह सब छोड़कर हम तीन महीने के लिए कैसे जा सकते हैं?"

सरकार क्या कहती है?

इस मांग के समर्थन में कई बार विभिन्न विपक्षी दलों के सांसद सरकार के सामने यह मामला उठा चुके हैं. पिछले साल नवंबर में और इस साल फरवरी में दो अलग-अलग याचिकाएं भी संसद में पेश की गई थीं. इनमें से एक याचिका की अवधि मई तक थी और उस पर 70 हजार से ज्यादा लोगों ने दस्तखत किए थे.

देखिएः ये हैं दुनिया के सबसे रहने योग्य शहर

यह याचिका कहती है, "हमारी सदन से अपील है कि माता-पिता को भी आने की छूट वाली श्रेणी में शामिल किया जाए. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो, माता-पिता से मिलने जाने को छूट देने के लिए जरूरी 'अत्यावश्यक कारणों' में शामिल किया जाए."

निर्दलीय सांसद यह जाली स्टीगल ने यह याचिका इस साल जून में संसद में पेश की थी और सरकार से अनुरोध किया था कि माता-पिता को 'निकटतम संबंधी' की परिभाषा में शामिल किया जाए. हालांकि सरकार एक से ज्यादा मौकों पर कह चुकी है कि फिलहाल इस परिभाषा में बदलाव का उसका कोई इरादा नहीं है.

Source: DW

Comments
English summary
australians demand include parents in the immediate family
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X