अब भारतीय को नहीं मिल सकेगी नाइट और डेम उपाधि क्योंकि...
मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के नए पीएम मैलकॉम टर्नबुल ने सोमवार को देश की सम्मान व्यवस्था से नाइट और डेम जैसी उपाधियों को हटा दिया है। टर्नबुल का कहना है कि यह उपाधियां आज के युग में सही नहीं हैं।
इसका मतलब यह भी है कि अब ऑस्ट्रेलिया में कोई भारतीय, ऑस्ट्रेलियाई नागरिक के साथ इस सम्मान को हासिल नहीं कर सकेगा। सितार वादक पंडित रविशंकर, बिजनेसमैस जमशेद जी ईरानी और महान वैज्ञानिक सर्वपल्ली राधाकृष्णन को यह सम्मान मिल चुका है।
ऑस्ट्रेलिया में पिछले वर्ष आश्चर्यजनक तरीके से उस समय के प्रधानमंत्री और राजशाही के प्रति निष्ठावान टोनी एबॉट ने नाइट्स और डेम्स उपाधि को फिर से शुरू किया था।
इसके बाद तुरंत उन पर आरोप लगे थे कि वे मतदाताओं से कट गए हैं और ‘वक्त से भटक गए हैं।' सितंबर में रूढ़िवादी लिबरल पार्टी की पराजय के बाद एबॉट के स्थान पर आए मुखर रिपब्लिकन नेता टर्नबुल से उम्मीद थी कि वह इन उपाधियों को खत्म कर देंगे।
टर्नबुल ने एक बयान में कहा है कि कैबिनेट ने हाल में ऑस्ट्रेलिया की व्यवस्था पर गौर किया और सहमति बनी कि कि नाइट्स और डेम्स हमारे आधुनिक सम्मान व्यवस्था के लिहाज से उपयुक्त नहीं है।
पीएम टर्नबुल ने कहा कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ आस्ट्रेलिया की व्यवस्था से नाइट और डेम उपाधि को हटाने की सरकार की सिफारिश पर राजी हुई थी।
हालांकि इन उपाधियों को हटाए जाने से उन लोगों के सम्मान पर कोई असर नहीं पड़ेगा जिन्हें पहले से ही ये उपाधियां प्रदान की जा चुकी हैं।