नागरिकों को फ्री में कोरोना वायरस वैक्सीन की डोज देगा ऑस्ट्रेलिया, पीएम स्कॉट मॉरीसन ने किया बड़ा ऐलान
सिडनी। कोरोना वायरस से त्रस्त दुनिया के एक देश ने अपने नागरिकों को कोरोना वायरस वैक्सीन की डोज पूरी तरह से फ्री में देने का फैसला किया है। इस देश के प्रधानमंत्री ने अपने देशवासियों से वादा किया है कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होगी। हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया की और यहां के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन हर नागरिक के लिए अनिवार्य होनी चाहिए। भारत की तरह ऑस्ट्रेलिया को भी ऑक्सफोर्ड की तरफ से तैयार हो रही कोविड-19 वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी।
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हर नागरिक के लिए अनिवार्य होगी वैक्सीन
मॉरीसन ने कहा है कि ऑस्ट्रेलया ने स्वीडिश-ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्रा जेंका के साथ डील कर ली है। इस डील के साथ ही अब उनके देश को भी कोविड-19 की वैक्सीन मिलेगी। उनके शब्दों में, 'ऑक्सफोर्ड वैक्सीन दुनिया की सबसे एडवांस्ड और भरोसा देने वाली है और इस डील के तहत हमनें हर ऑस्ट्रेलियाई के लिए जल्द एक्सेस सुरक्षित कर लिया है।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर यह वैक्सीन सफल साबित हुई तो फिर हमे इसे तैयार करेंगे और अपने सिस्टम के तहत हमें इसे 25 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के लिए तुरंत सप्लाई करेंगे।' ऑक्सफोर्ड वैक्सीन, इस समय दुनिया की उन पांच वैक्सीन में शामिल हैं जो फेज-3 ट्रायल से गुजर रही हैं। रिसर्चर्स को उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक इसके सकारात्मक नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। मॉरीसन ने कहा यह इस तरह की पहली डील है और उनकी सरकार दुनिया में कुछ और पार्टियों के साथ वार्ता में है तो वैक्सीन तैयार करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों को भी उनकी कोशिशों में मदद दी जा रही है।
सुईयां और सीरिंज डोज के लिए तैयार
ऑस्ट्रेलिया और एस्ट्रा जेंका के बीच फाइनल एग्रीमेंट होना बाकी है। बात अभी वैक्सीन की कीमत और स्थानीय मैन्यूफैक्चर पर अटकी हुई है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 18 मिलियन डॉलर का समझौता अमेरिकी मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनी बेटकॉन डिकिन्सन के साथ किया है। इसके तहत 100 मिलियन सुईंया और सीरिंज को डोज की जरूरत पूरा करने के लिए खरीदा जाएगा। अभी सभी कोरोना वायरस वैक्सीन अपने ट्रायल से गुजर रही हैं और क्लीनिकल ट्रायल्स में इनकी क्षमता साबित होनी बाकी हैं। इसके बावजूद कम से कम 5.7 मिलियन डोज का ऑर्डर पहले ही दुनिया से मिल चुका है। इस समय पांच वैक्सीन तीन पश्चिमी देशों की और दो चीनी कंपनियों की फेज 3 ट्रायल में हैं जिसमें लाखों लोगों पर क्षमता का परीक्षण किया जा रहा है। इस वर्ष के अंत तक नतीजों के आने की संभावना है।