ऑस्ट्रेलिया में फेसबुक और गूगल ने आतंकी हमले से जुड़े वीडियोज नहीं हटाए तो फिर अधिकारियों को होगी जेल
कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया में अब एक नया कानून लाया गया है जिसके तहत सोशल मीडिया पर हिंसक या आतंकवाद से जुड़े कंटेंट की लाइव स्ट्रिमिंग करने पर गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। न सिर्फ इन कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा बल्कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार इन्हें बैन भी कर सकती है। ऑस्ट्रेलिया की संसद में पास नए कानून के बाद सरकार न्यूजीलैंड जैसी घटनाओं को रोकने को लेकर सख्त है। फाइन और बैनिंग के अलावा नए कानून में जेल का भेजने का नियम है।
तीन वर्ष तक जाना पड़ सकता है जेल
अगर हिंसक कंटेंट को नहीं हटाया गया तो एग्जिक्यूटिव्स को तीन वर्ष तक की जेल भी हो सकती है। गुरुवार को संसद में इस कानून को पास किया गया। 15 मार्च को न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़े नियम सख्त करने की तैयारी की है। न्यूजीलैंड के इस हमले को जब अंजाम दिया जा रहा था तो उस समय हमलावर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग कर रहा था। इस हमले में करीब 50 लोगों की जान गई थी। 17 मिनट का यह वीडियो अन्य सोशल साइट पर भी वायरल हुआ था। क्राइस्टचर्च हमले का दोषी ब्रेनटॉन हैरीसन टारैंट ने हमले को लाइव टेलीकास्ट किया था। बाद में हमले का वीडियो हटा लिया गया लेकिन एक घंटे तक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद था। यू-ट्यूब जो कि गूगल का ही एक प्रॉडक्ट है, अगर उसने क्राइस्टचर्च हमले या फिर हत्या, बलात्कार या फिर रेप जैसे वीडियो या फोटोग्राफ को नहीं हटाया तो फिर इसे एक अपराध माना जाएगा। कंपनियों को पुलिस को यह बताना होगा कि वह कितने समय में इन वीडियोज को हटाएगी।
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