ऑस्ट्रेलिया में होती है 100 फीसदी वोटिंग, ना करने पर जानिए लगता है कितना जुर्माना
कैनबरा। भारत के अलाव इस समय कुछ और देशों में भी चुनाव हो रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया का नाम भी चुनावी मौसम वाले देशों की लिस्ट में शामिल है। लेकिन भारत में जहां मतदाताओं को वोट करने के लिए बार-बार अपील करनी पड़ती है, तो ऑस्ट्रेलिया में वोटिंग अनिवार्य है। यहां पर वोटिंग करने से चूकने पर मतदाताओं पर 100 प्रतिशत का जुर्माना लगता है। ऑस्ट्रेलिया में शनिवार को वोटिंग हुई है और प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की किस्मत दांव पर लगी है।
ऑस्ट्रेलिया बन सकता है उदाहरण
अगर दुनिया को मतदाताओं को वोटिंग के लिए प्रेरित करना है तो ऑस्ट्रेलिया सबसे बड़ा उदाहरण साबित हो सकता है। पीएम चुनने के लिए ऑस्ट्रेलिया में करीब 1.65 लाख लोग योग्य मतदाता के तौर पर रजिस्टर्ड हैं। हैं। यहां सुबह 8 बजे शुरू हुआ मतदान शाम 6 बजे खत्म हो गया। ऑस्ट्रेलिया के लोगों को अपने नए पीएम का नाम जानने के लिए इंतजार भी नहीं करना होगा। शनिवार देर रात या फिर रविवार तड़के इसका ऐलान हो जाएगा।
पिछले 11 वर्षों से अस्थिरता
ऑस्ट्रेलिया का चुनाव कई मायनों में भारत से अलग है। यहां हर तीन साल में आम चुनाव कराए जाते हैं तो वर्ष 2007 के बाद यहां किसी भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। ऑस्ट्रेलिया का चुनाव इसलिए भी भारत से अलग है, क्योंकि यहां अनिवार्य मतदान का कानून है। पहली बार वोटिंग नहीं करने पर 20 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर और दूसरी बार यही अपराध करने पर 50 डॉलर का जुर्माना लगता है। अगर भारतीय मुद्रा में हिसाब लगाए तो पहली बार वोटिंग मिस करने पर करीब 1000 रुपए और दूसरी बार वोटिंग मिस करने पर करीब 3,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है।
वोटर्स के लिए खास इंतजाम
वोटर्स की सुविधा का भी खासा ध्यान रखा जाता है। पोलिंग बूथ्स पर वोटर्स के लिए खास सुविधाएं होती हैं। ऐसे वोटर्स के लिए भी अलग से सुविधाएं होती हैं जो पोलिंग बूथ तक पहुंचने में असमर्थ रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया में सन् यहां 1924 से ही योग्य व पंजीकृत मतदाताओं के लिए मतदन अनिवार्य किया गया है। शायद इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया में वोटिंग प्रतिशत 90 प्रतिशत से ज्यादा ही रिकॉर्ड होता है।
एक करोड़ 64 लाख वोटर्स
वोटों की गिनती का काम ऑस्ट्रेलिया में शुरू हो चुका है और शनिवार को हुए चुनावों को हाल के वर्षों में हुए सबसे मुश्किल चुनाव बताया जा रहा है। एग्जिट पोट के नतीजों में विपक्षी लेबर पार्टी को मामूली बढ़त दिख रही थी लेकिन इसके बाद सत्ताधारी लिबरल गठबंधन को बढ़त मिल गई। अगर लेबर पार्टी जीतती है तो इसके नेता बिल शॉर्टेन अगले पीएम होंगे। लिबरल पार्टी के जीतने पर कमान मॉरिसन के हाथ में रहेगी। ऑस्ट्रेलिया में करीब एक करोड़ 64 लाख रजिस्टर्ड मतदाता हैं।
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