कोरोना पर अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग किए जाने का चीन ने लिया बदला, ऑस्ट्रेलियाई बीफ पर लगाई रोक
चीन ने ऑस्ट्रेलियाई बीफ पर लगाई रोक, कोरोना पर जांच की उठाई है मांग
नई दिल्ली। कोरोना वायरस कैसे फैला और इसमें चीन की भूमिका को लेकर ऑस्ट्रेलियाई ने जांच की बात की है। ऑस्ट्रेलिया पहला ऐसा मुल्क है जिसने कोरोना पर अतंरराष्ट्रीय जांच की मांग की। इसका असर चीन और ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते पर दिख रहा है। खासतौर से व्यापार पर इसका असर पड़ा है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के चार रेड मीट प्रोसेसिंग प्लांटों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है, इसके अलावा भी कदम उठाए हैं।
बीफ निर्यात पर रोक
अप्रैल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मेरिस पाइने ने कोरोना पर जांच की बात कही थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत की ओर से कहा गया है कि अगर सरकार ने कोरोना वायरस पर इनक्वॉयरी को आगे बढ़ाया तो फिर चीनी उपभोक्ता उसका बहिष्कार कर सकते हैं, साथ ही चीन से कोई भी स्टूडेंट ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए नहीं आएगा और इसके अलावा टूरिज्म पर भी असर पड़ सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री के बयान और उस पर ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत के जवाब के बाद 12 मई को चीन ने ऑस्ट्रेलिया की चार बड़ी बीफ कंपनियों पर रोक लगा दी। इसके पांच दिन बाद ऑस्ट्रेलियाई जौं के आयात पर 80 फीसदी शुल्क बढ़ा दिया। चीन का कहना है कि लगाया कि ऑस्ट्रेलिया कम कीमत पर जौ बेच रहा है जिससे उनकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।
चीन का इस पर क्या कहना है
ऑस्ट्रेलियाई के इन प्लांटों से ऑस्ट्रेलिया से चीन को निर्यात होने वाले बीफ का 35 फीसदी हिस्सा जाता है। जिन्हें चीन ने बैन किया है। ऑस्ट्रेलिया चीन को हर साल 1 अरब यूरो का बीफ निर्यात करता है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस प्रतिबंध का कोविड-19 को लेकर चल रहे विवाद से कोई लेना देना नहीं है। इन प्लांटों में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। हालांकि माना जा रहा है कि ये चीन ने बदले की कार्रवाई के तहत किया है। इसकी वजह ऑस्ट्रेलिया के कोरोना वायरस फैलने में चीन की भूमिका की जांच की मांग है।
चीन-ऑस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर होता है व्यापार
चीन और ऑस्ट्रेलिया बड़े व्यापारिक साझीदार हैं। 2018 में दोनों देशों के बीच 214 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था। बीफ के अलावा दोनों देशों में लौह अयस्क, कोयला, सोना, ऊन जैसे चीजों का भी व्यापार होता है। अब कोरोना के चलते दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते खराब होते दिख रहे हैं। ऐसे में दुनियाभर की निगाह इन देशों के रिश्तों पर लगी हैं।
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