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रिपोर्ट में खुलासा, सितंबर 2020 तक भारत में Covid-19 के हो सकते हैं 111 करोड़ मामले:

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नई दिल्ली। गत 20 अप्रैल को अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिसीज, डायनामिक्स एंड इकोनॉमिक पॉलिसी (सीडीडीईपी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर, 2020 तक भारत में कुल Covid-19 संक्रमित मरीजों की संख्या 111 करोड़ तक पहुंच सकती है। यहां तक ​​कि हार्ड लॉकडाउन, निरंतर सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन के बावजूद यह संख्या बरकरार रहेगी, क्योंकि रिपोर्ट में उल्लेखित अनुमानित आंकड़े प्रत्याशित 55-138 करोड़ का औसत है।

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दरअसल, सितंबर 2020 के लिए भारत में अनुमानित Covid 19 मामलों की सीमा 50-150 फीसदी बिंदु को कवर करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अनुमान नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है, लेकिन SARS-CoV-2 वायरस की नवीनता को देखते हुए इन अनुमानों में अभी भी कुछ अंतर्निहित अनिश्चितता है।

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'भारत में COVID-19: लॉकडाउन के संभावित प्रभाव और अन्य लंबी अवधि की नीतियां' शीर्षक वाली रिपोर्ट मानती हैं कि भारत में उभरते हुए प्रमाण बताते हैं कि विषम जनसंख्या या हल्के संक्रमण भविष्य में भारत की एक बड़ी आबादी के संक्रमित होने का कारण हो सकते हैं।

CDDEP

रिपोर्ट कहती है कि अध्ययन के दौरान यह भी नोटिस किया गया कि चीन, इटली, अमेरिका, यूके और स्पेन जैसे कई देशों ने कुछ मामलों की लंबी अवधि के बाद अचानक मामलों में विस्फोट दिखाया, जो संकेत करते हैं कि भारत में भी कई छूटे हुए मामलों के सामने आने की संभावना है।

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गौरतलब है गत 24 मार्च को इसी संस्था ने एक ऐसी ही रिपोर्ट में कहा था कि भारत के मामले 12-24 करोड़ के बीच हो सकते हैं, यह वह संख्या है जो एक दिन में चोटी के संक्रमण का प्रतिनिधित्व करती है। (इसलि111 करोड़ संक्रमण तुलना योग्य नहीं है, क्योंकि यह भारत में महामारी शुरू होने के बाद का संचयी संक्रमण है)

CDDEP

हालांकि CDDEP जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय का हिस्सा नहीं है, क्योंकि उसने रिपोर्ट बाहर आने के बाद खुद को उससे अलग कर लिया था। रिपोर्ट में कड़े प्रतिबंधों को जारी रखने की वकालत की गई है और इंफेक्शन के उच्च शिखर तक पहुंचने और हॉस्पिटलाइजेशन से रोकने के लिए अक्सर प्रतिबंधों को कड़ा करने की आवश्यकता होगी।

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रिपोर्ट आगे कहती है कि लॉकडाउन नीति या खंडित नीतियों (राज्यों बनाम राज्यों और राज्य बनाम केंद्र) में लगातार परिवर्तन से नीतिगत भ्रम और इंफोर्समेंट के लिए सामुदायिक थकान के परिणाम हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें-Covid 19: महामारी के चलते दुनिया में भुखमरी दोगुनी हो सकती है: संयुक्त राष्ट्र

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English summary
The report titled 'COVID-19 in India: Potential Effects of Lockdown and Other Long-Term Policies' believes that emerging evidence in India suggests that heterogeneous populations or mild infections may cause a large population of India to become infected in the future. Huh. The above report released by CDDEP has been released on April 20.
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