क्वाड समिट में यूक्रेन मुद्दे पर बोले पीएम मोदी, दुनिया को दिया यह संदेश
टोक्यो में क्वाड लीडर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने दुनिया के सभी शीर्ष नेताओं के समक्ष शत्रुता समाप्त करने की बात कही।
टोक्यो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में क्वाड लीडर्स समिट में यूक्रेन पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने दुनिया के सभी शीर्ष नेताओं के समक्ष शत्रुता समाप्त करने की बात कही। उन्होंने एक बार फिर कहा कि संवाद और कूटनीति के जरिए ही युद्ध समाप्त किया जा सकता है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में रूस का जिक्र नहीं किया लेकिन यूक्रेन पर बात करते हुए दुनिया को बड़ा संदेश दिया।
पीएम मोदी क्वाड देशों के नेताओं साथ ऐसे समय बातचीत में भाग ले रहे हैं, जब वे यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड समिट में यू्क्रेन मुद्दे पर कहा कि, दुनिया जानती है कि इस युद्ध ने दोनों देशों (रूस और यूक्रेन) को भारी नुकसान पहुंचाया है। इससे यूरोप में बड़े पैमाने पर मानवीय संकट खड़ा हो गया है।
पीएम
मोदी
ने
कहा....
क्वाड
की
बैठक
में
पीएम
मोदी
ने
कहा
कि
क्वाड
ने
थोड़े
ही
समय
में
अहम
जगह
बनाई
है।
उन्होंने
कहा
कि
क्वाड
की
संभावना
बहुत
व्यापक
है।
पीएम
मोदी
ने
आगे
कहा
कि
कोरोना
की
प्रतिकूल
स्थिति
के
बावजूद,
हमने
वैक्सीन
वितरण,
जलवायु
कार्रवाई,
आपूर्ति
श्रृंखला
लचीलापन,
आपदा
प्रतिक्रिया,
आर्थिक
सहयोग
और
अन्य
क्षेत्रों
के
लिए
अपना
समन्वय
बढ़ाया
है
और
क्वाड
ने
इंडो-पैसिफिक
क्षेत्र
में
शांति,
समृद्धि
और
स्थिरता
सुनिश्चित
की
है।
जो
बाइडेन
ने
कहा...
वहीं,
अमेरिकी
राष्ट्रपति
जो
बाइडन
ने
रूस-यूक्रेन
जंग
पर
चिंता
जताई
और
कहा
कि
यह
सबसे
बड़ा
मानव
संकट
है।
उन्होंने
कहा
कि
मानवाधिकारों
की
रक्षा
होनी
चाहिए।
बाइडन
ने
कहा
कि
हिंद-प्रशांत
क्षेत्र
को
शांतिपूर्ण
और
स्थिर
रखने
के
लिए
हमें
एकजुट
होना
होगा।
उन्होंने
कहा
कि,
पुतिन
एक
संस्कृति
को
खत्म
करने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
यह
केवल
यूरोप
का
मुद्दा
नहीं
है
बल्कि
वैश्विक
मुद्दा
है।
जापान
और
ऑस्ट्रेलिया
के
पीएम
ने
रखी
अपनी
बात
दूसरी
तरफ
जापान
के
पीएम
फूमियो
किशिदा
ने
कहा
कि
यूक्रेन
पर
रूसी
आक्रमण
संयुक्त
राष्ट्र
चार्टर
में
निहित
सिद्धांतों
को
पूरी
तरह
से
चुनौती
देता
है।
किशिदा
ने
कहा
कि
हमें
आसियान,
दक्षिण
एशिया
के
साथ-साथ
हिंद
प्रशांत
देशों
की
आवाजों
को
ध्यान
से
सुननी
चाहिए,
ताकि
सहयोग
को
और
आगे
बढ़ाया
जा
सके।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि मेरी सरकार 2030 तक उत्सर्जन में 43% की कमी करने का एक नया लक्ष्य निर्धारित करेगी और 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए ट्रैक पर लाएगी। उन्होंने कहा कि नई ऑस्ट्रेलियाई सरकार जलवायु परिवर्तन, आर्थिक, साइबर, ऊर्जा, स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के माध्यम से एक अधिक लचीला हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण को प्राथमिकता देती है।
पीएम
मोदी-बाइडेन
के
बीच
रूस-यूक्रेन
युद्ध
के
बीच
हुई
बात
बता
दें
कि,
क्वाड
समिट
से
पूर्व
पीएम
नरेंद्र
मोदी
के
साथ
द्विपक्षीय
बैठक
में
अमेरिकी
राष्ट्रपति
जो
बाइडेन
(PM
Modi-Joe
Biden
Meeting)
ने
कहा,
'हमने
यूक्रेन
पर
रूस
के
क्रूर
और
गैर-न्यायसंगत
आक्रमण
के
चल
रहे
प्रभावों
और
पूरे
वैश्विक
व्यवस्था
पर
इसके
प्रभाव
पर
भी
चर्चा
की.
इन
नकारात्मक
प्रभावों
को
कम
करने
के
लिए
यूएस
और
भारत
चर्चा
जारी
रखेंगे.'
पीएम मोदी ने कहा, 'हम हिंद-प्रशांत पर द्विपक्षीय स्तर पर और समान विचारधारा वाले देशों के साथ समान विचार साझा करते हैं, ताकि हमारी साझा चिंताओं की रक्षा के लिए काम किया जा सके। आज की हमारी चर्चा इस सकारात्मक गति को और गति देगी।' बैठक में जो बाइडेन ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी, हम मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे भी। मैं अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी को सबसे करीबी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
क्वाड
क्या
है?
साल
2004
में
हिंद
महासागर
में
सुनामी
आई।
इसके
तटीय
देश
काफी
प्रभावित
हुए
थे।
तब
भारत,
अमेरिका,
ऑस्ट्रेलिया
और
जापान
ने
मिलकर
सुनामी
प्रभावित
देशों
की
मदद
की
थी।
2007
में
जापान
के
तत्कालीन
पीएम
शिंजो
आबे
ने
क्वाड
(QUAD)
यानी
द
क्वाड्रिलैटरल
सिक्योरिटी
डायलॉग
का
गठन
किया।
क्वाड
में
चार
देश
अमेरिका,
जापान,
ऑस्ट्रेलिया
और
भारत
का
एक
समूह
है।
2007
से
2010
के
बीच
हर
साल
क्वाड
की
बैठकें
होती
रहीं,
लेकिन
इसके
बाद
बंद
हो
गई।
बताया
जाता
है
कि
तब
चीन
ने
ऑस्ट्रेलिया
पर
काफी
दबाव
डाला,
जिसके
बाद
वह
क्वाड
से
दूरियां
बनाने
लगा।
हालांकि,
2017
में
फिर
से
चारों
देशों
के
राष्ट्राध्यक्षों
ने
मिलकर
क्वाड
को
मजबूत
करने
का
फैसला
लिया
गया।