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इंडो-चाइना के साथ के बिना एशिया की नहीं होगी 21वीं सदी: चीनी मीडिया

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पेइचिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दिन में तमिलनाडु के तटीय शहर महाबलीपुरम में मुलाकात करेंगे, ये 15वीं बार है जब विश्व की दो महाशक्तियों के बीच मुलाकात होगी, इस मुलाकात पर इंडिया और चीन को अलावा पूरी दुनिया की नजरें लगी हुई हैं तो वहीं चीनी मीडिया ने इस खास मुलाकात को लेकर काफी सकारात्मक रवैया दिखाया है और भारत को लेकर काफी बड़ी कही है।

'भारत के बिना एशिया की नहीं होगी 21वीं सदी'

'भारत के बिना एशिया की नहीं होगी 21वीं सदी'

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा बीते कुछ वक्त से एशिया की सदी की बात काफी होती है। एशिया के कई नेता और रणनीतिकार कहते हैं कि 19वीं सदी यूरोप की थी, 20वीं सदी अमेरिका की और अब 21वीं सदी एशिया की होगी। अखबार ने भारतीय थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यह चीन और भारत की आर्थिक प्रगति से ही संभव होगा, इसलिए जिनपिंग और मोदी की मुलाकात काफी अहम है।

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चीनी कंपनियों ने भारत पर भरोसा जताया है

चीनी कंपनियों ने भारत पर भरोसा जताया है

भारत के साथ आर्थिक सहयोग का जिक्र करते हुए अखबार ने कहा कि चीनी कंपनियों ने बीते कुछ सालों में भारत के 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' जैसे अभियानों में हिस्सा लेते हुए निवेश में इजाफा किया है। इसके साथ ही भारतीय कंपनियों का भी चीन में इन्वेस्टमेंट बढ़ा है।

भारत और चीन का साथ मिलकर करना होगा काम

भारत और चीन का साथ मिलकर करना होगा काम

हालांकि अखबार ने भारत पर चीन को लेकर अविश्वास जताने का भी आरोप लगाया है। चीनी मीडिया के मुताबिक भारत की ओर से संदेह के चलते ही दोनों देश आर्थिक तौर पर एक साथ प्रगति नहीं कर पा रहे हैं। अखबार ने कहा कि यह वह दौर है, जब भारत और चीन का साथ मिलकर काम करना सबसे ज्यादा जरूरी हो गया है।

क्या है कार्यक्रम

क्या है कार्यक्रम

महाबलीपुरम में हो रही मोदी और जिनपिंग की खास मुलाकात के दौरान पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति के साथ अर्जुन पेनेंस पर जाएंगे। अर्जुन पेनेंस के बाद प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पंचरथ पर ले जाएंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने चीनी मेहमान को तट मंदिर में ले जाएंगे जो समुद्र के किनारे बना है, यहां चीनी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में चीनी राष्ट्रपति दक्षिण भारत की नृत्य संगीत परंपरा से रूबरू होंगे।

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English summary
The India-based think tank Observer Research Foundation in August elaborated on the concept, saying the so-called Asian century "has been defined by the rise of China and India's economic growth.
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