सऊदी अरब: 'भ्रष्टाचार में हुई गिरफ़्तारियां तो बस शुरुआत है'
सऊदी अरब के अटॉर्नी जनरल ने प्रिंस, कारोबारियों और मंत्रियों की गिरफ़्तारी को 'शुरुआत' बताया है
सऊदी अरब के अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि दर्जनों शाही हस्तियों, मंत्रियों और कारोबारियों की गिरफ़्तारी भ्रष्टाचार निरोधक अभियान की शुरुआत भर है.
शेख़ सऊद अल मोजेब ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने इन गिरफ़्तारियों को 'भ्रष्टाचार की जड़ों तक पहुंचकर उखाड़ने की प्रक्रिया की शुरुआत' करार दिया है.
रविवार को सऊदी अरब में बड़े पैमाने पर कारोबारी और राजनीतिक नेतृत्व को हटाए जाने की ख़बर आई थी.
इस घटनाक्रम को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ताकत में इज़ाफ़े के तौर पर देखा जा रहा है.
'पहला चरण पूरा'
32 साल के क्राउन प्रिंस के नेतृत्व वाली एक भ्रष्टाचार निरोधक कमेटी ने 11 राजकुमारों, चार मंत्रियों और दर्जनों पूर्व मंत्रियों को हिरासत में लेने का आदेश दिया था.
गिरफ़्तार हुए लोगों में अंतराराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अरबपति बिज़नसमैन अलवलीद बिन तलाल भी शामिल हैं.
ये प्रिंस अलवलीद बिन तलाल कौन हैं?
सऊदी में 11 राजकुमार और कई मंत्री हिरासत में
अटॉर्नी जनरल शेख़ सऊद अलब मोजेब के बयान में जांच के 'पहले चरण' के पूरा होने की बात कही गई है.
इसमें लिखा है, "मज़बूत सबूत पहले ही इकट्ठे कर लिए गए हैं और गहन पूछताछ की गई है."
"संदिग्धों के पास कानूनी संसाधनों को इस्तेमाल करने का अधिकार होगा. मुकदमे समय पर और पार्दर्शिता के साथ चलाए जाएंगे."
प्रिंस की मौत की भी चल रही है जांच
भ्रष्टाचार की जांच को लेकर यह ताज़ा जानकारी उस समय आई है, जब सऊदी अरब और यमन की सीमा पर हेलिकॉप्टर क्रैश की जांच भी चल रही है.
आसिर प्रांत के डिप्टी गवर्नर प्रिंस मंसूर बिन मुक़रिन का हेलिकॉप्टर उस समय आभा के पास हादसे का शइकार हो गया था, जब वह रविवार को एक निरीक्षण करके लौट रहे थे.
प्रिंस मंसूर पूर्व इंटेलिजेंस प्रमुख मुक़रिन बिन अब्दुलअज़ीज़ के बेटे थे, जो जनवरी और अप्रैल 2015 के बीच क्राउन प्रिंस थे. मगर उन्हें प्रिंस मोहम्मद के पिता किंग सलमान ने हटा दिया था.
सऊदी अरब की आधिकारिक प्रेस एजेंसी ने हेलिकॉप्टर हादसे को लेकर कहा है कि प्रिंस और सात अधिकारी आभा शहर के पूर्व में तटीय इलाकों में परियोजनाओं का दौरा कर रहे थे.
सरकारी समाचार चैनल अल-इखबारिया ने ट्विटर पर मलबे की तस्वीरें ट्वीट की हैं. एक वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें प्रिंस अपने साथियों के साथ मौत के कुछ घंटों पहले हेलिकॉप्टर इस्तेमाल कर रहे थे.
पिछले ढाई सालों में सऊदी अरब एक ऐसे गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है, जो हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ युद्ध में यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन कर रहा है.
सऊदी गृह मंत्रालय के बयान में इस क्रैश और विवाद के बीच में किसी तरह का रिश्ता होने का ज़िक्र नहीं है, मगर शनिवार को सऊदी सेना ने राजधानी रियाद के पास हूती लड़ाकों द्वारा दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल मार गिराई थी.
सऊदी अरब में हलचल भरा दौर
बीबीसी के रक्षा संवाददाता फ़्रैंक गार्डनर द्वारा
सऊदी अरब में हालात तेज़ी से बदल रहे हैं और इनका अनुमान नहीं लगाया जा सकता. अरब जगत का सबसे बड़ा देश एक संप्रभु राष्ट्र के तौर पर 85 सालों में अभूतपूर्व हलचल से गुज़र रहा है.
तीन साल पहले इस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि सत्ता के जाने-पहचाने स्तंभों को सार्वजनिक और अपमानजनक ढंग से कार्यालयों से हटाकर हिरासत में लिया जाएगा.
मगर रूढ़िवादी और जोखिन लेने से बचने वाला सऊदी अरब इन दिनों नए प्रबंधन में है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, जो कि आधिकारिक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, देश को आधुनिक बनाने और अपने सेक्युलर व धार्मिक विरोधियों को हटाने के अभियान के रास्ते में आने वाली हर चुनौती से निपटने के लिए दृढ़ नज़र आते हैं.
वह सऊदी युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं, मगर आलोचक कहते हैं कि वह बड़ा दांव खेल रहे हैं, जिसमें ख़तरनाक पलटवार का भी ख़तरा है.
अपने रास्ते की रुकावटें हटा रहे हैं सऊदी क्राउन प्रिंस?
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