माली में सेना का तख्ता पलट, राष्ट्रपति को बंदूक की नोक पर किया गिरफ्तार, दिया इस्तीफा
बमको। माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बोबकार कीता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल माली में सेना ने विद्रोह कर दिया था और माली के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को बंदूक की नोक पर गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद माली के राष्ट्रपति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और मौजूदा संसद को भंग कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि आज सेना के एक तबके ने फैसला लिया है कि अब हस्तक्षेप जरूरी है, ऐसे में क्या मेरे पास कोई विकल्प मौजूद है, मैं खून खराबा नहीं चाहता हूं, लिहाजा मैं अभी से अपने पद से इस्तीफा देता हूं। माली में सेना के तख्ता पलट के बाद अभी तक साफ नहीं हो सका है कि देश की कमान अब किसके हाथ में है।
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बंदूक की नोक पर गिरफ्तार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री
बता दें कि राष्ट्रपति कीटा और प्रधानमंत्री बोबू सिसे को सेना ने बंदूक की नोक पर गिरफ्तार कर लिया था। माली में पिछले एक महीने से राजनीतिक अस्थिरता चल रही थी, लेकिन बुधवार को सेना ने तख्ता पलट करते हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को बंदूक की नोक पर गिरफ्तार कर लिया। सेना ने माली की राजधानी बमको के पास काती में हथियार विद्रोह कर दिया और हथियार उठा लिया, जिसके बाद सैनिकों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को गिरफ्तार कर लिया। माना जा रहा है कि सेना आज दिन में बयान जारी कर सकती है।
कई देशों ने की आलोचना, यूएन की आपात बैठक आज
वहीं पश्चिम अफ्रीका के कई देशों ने इस घटना की आलोचना की है। फ्रांस, यूरोपियन यूनियन, अफ्रीकन यूनियन ने सैनिकों के इस कदम की आलोचना की है और उन्हें इस असंवैधानिक सत्ता परिवर्त को लेकर चेतावनी दी है। दरअसल बाली में पिछले एक महीने से संकट चल रहा है। विपक्ष पिछले काफी दिनों से राष्ट्रपति को हटाने की मांग कर रहा था और उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था। विपक्ष का उनपर आरोप था कि राष्ट्रपति के गलत फैसलों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही।
यूएन ने की आलोचना
वहीं माली में राजनीतिक घटनाक्रम पर युनाइटेड नेसंश ने अपनी नजर बना रखी है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को गिरफ्तार किए जाने के बाद ने यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल की ओर से आज दोपहर आपात बैठक बुलाई गई है, जिसमे माली के हालात पर चर्चा की जाएगी। इस सत्र को बुलाने की मांग फ्रांस और नाइजर की ओर से की गई थी। माली की इस घटना के बाद यूएन के सेक्रेटरी जनरल एंटोनिया गुटारेस ने कहा तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को रिहा किए जाने की मांग की। गुटारेस ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को गिरफ्तार किए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि तत्काल प्रभाव से उन्हें रिहा किया जाए और संवैधानिक तरीके से स्थिति को बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि हम यहां के घटनाक्रम पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।