ढाका में हथियारबंद लोगों ने अमरीकी राजदूत पर किया हमला
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अमरीकी राजदूत की कारों के काफ़िले पर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया है.
एक अमरीकी अधिकारी ने कहा है कि इस हमले में अमरीकी राजदूत मार्सिया बर्निकेट और उनके सुरक्षा बलों को किसी तरह की चोटें नहीं आई हैं लेकिन काफ़िले की दो कारों को नुकसान पहुंचा है.
बांग्लादेश में बीते कई दिनों से हज़ारों छात्र और स्कूलों के बच्चे सुरक्षित सड़कों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अमरीकी राजदूत की कारों के काफ़िले पर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया है.
एक अमरीकी अधिकारी ने कहा है कि इस हमले में अमरीकी राजदूत मार्सिया बर्निकेट और उनके सुरक्षा बलों को किसी तरह की चोटें नहीं आई हैं लेकिन काफ़िले की दो कारों को नुकसान पहुंचा है.
बांग्लादेश में बीते कई दिनों से हज़ारों छात्र और स्कूलों के बच्चे सुरक्षित सड़कों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
बांग्लादेश की सरकार ने इन प्रशासन को रोकने के लिए बीते रविवार को आंसू गैस का प्रयोग किया.
इसके अलावा सड़कों पर हथियारबंद लोगों द्वारा किए जा रहे हमलों में अब तक 50 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हुए राजनीतिक समाजसेवी उनके दफ़्तरों की ओर मार्च करते हुए छात्रों को पीट रहे हैं.
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र सवाल पूछ रहे हैं कि शनिवार को प्रदर्शनकारियों पर हमला क्यों किया गया जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए थे.
अमरीकी राजदूत बर्निकेट ने इस हिंसा की निंदा की है.
अमरीकी दूतावास ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा है, "शांतिपूर्ण ढंग से अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने वाले हज़ारों युवाओं पर बर्बर हमलों को किसी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है."
"छात्र और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के नेतृत्व में बीते हफ़्ते सुरक्षित सड़कों के लिए किए जा रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने पूरे देश के ध्यान को आकर्षित किया है और इसमें सभी छात्र एकजुट हो गए हैं"
इसी बीच एक मशहूर फोटो जर्नलिस्ट और मानवाधिकार कार्यकर्ता शहीदुल आलम को पुलिस ने फेसबुक पर विरोध प्रदर्शनों को लेकर लिखने की वजह से हिरासत में ले लिया है.
आलम ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के साथ अपने साक्षात्कारों में सरकार द्वारा इन विरोध प्रदर्शनों को संभालने के ढंग की आलोचना की है.
क्या कहती है अवामी लीग?
अवामी लीग के महासचिव ओबाइदुल क़ादर ने पत्रकारों से कहा है कि उनकी पार्टी के लोगों ने अपनी आत्मरक्षा में प्रतिक्रिया की क्योंकि छात्रों ने पहले हमला किया था.
वह कहते हैं, "अगर वे अवामी लीग के दफ़्तर की ओर बढ़ेंगे तो क्या हम उन्हें प्यार करेंगे."
सरकारी अधिकारियों ने इस विरोध प्रदर्शन को ख़त्म करने की अपील की है.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने प्रदर्शनकारियों से घर में रहने की अपील की है.
शेख़ हसीना ने पुलिस विभाग द्वारा सड़कों पर अनुशासन लाने के लिए चलाए गए अभियान के बारे में बताते हुए कहा, "उन्होंने जो किया है, वह बहुत है."
बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज़्ज़ामान ख़ान ने चेतावनी दी है कानून व्यवस्था संभालने वाले अधिकारियों का धैर्य जवाब दे रहा है.
वह कहते हैं, "हमारी भी एक सीमा है और अगर ये सीमा पार हो गई तो हमें कदम उठाने पड़ेंगे."
आख़िर कैसे शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन
बीते रविवार को तेज गति से आती हुई एक बस द्वारा एक लड़के-लड़की को कुचलने के बाद युवाओं ने सड़कों पर आकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. ये छात्र बांग्लादेश में सड़क यातायात को ज़्यादा सुरक्षित बनाने की मांग उठा रहे हैं.
इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक लाखों छात्र शामिल हो चुके हैं जो कि सरकार द्वारा घर वापस चले जाने की तमाम अपीलों को अनसुना कर चुके हैं.
हेलमेट वाले हमलावर
बीते दो दिनों से हेलमेट पहने हुए दो अज्ञात लोग लाठी और लोहे की सरिया से प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों पर हमला कर रहे हैं.
स्थानीय मीडिया ने इसके लिए अवामी लीग से जुड़े समूहों को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया है.
चश्मदीदों ने बीबीसी को बताया है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान संघर्ष की वीडियो रिकॉर्डिंग करते हुए पत्रकारों पर हमले किए गए और उनके सामान को तोड़ दिया गया.
सरकार ने शनिवार को 3G और 4G इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है.
सात दिन से ढाका की सड़कों पर डटे छात्रों पर हमला