ईरान में मिला 1800 साल पुराना अग्नि मंदिर, रहस्य जानकर वैज्ञानिक भी हो गए हैरान
साइट पर खुदाई कर रहे पुरातत्वविद मेसाम लब्बाफ-खानिकी ने कहा कि ये खोज काफी विशेष है। ये अवशेष रोबत-ए-सेफिद/बजेह हूर गांव के पास एक साइट में हो रही खुदाई में मिले हैं।
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दुनिया में छिपे रहस्यों को जानने को कोशिश कर रहे पुरातत्वविद आए दिन नए-नए खुलासे करते हैं। इससे साथ वह कई हैरान करने वाली खोज भी करते हैं। अब इस बीच पुरातत्विदों को ईरान में उत्खनन के दौरान ऐसे सबूत मिले हैं जिन्हें देख हर कोई हैरान है। जी हां। ईरान में पुरातत्त्व विभाग ने खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर के अवशेषों को खोजा है। यह मंदिर ईरान के सबसे ताकतवर साम्राज्यों में से एक सासानी साम्राज्य का बताया जा रहा है।
अग्नि मंदिर के अवशेषों का पता चला
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पुरातत्वविदों को उत्तर पूर्वी ईरान में खुदाई के दौरान मंदिर के ये अवशेष पहली बार मिले हैं। साइट पर खुदाई कर रहे पुरातत्वविद मेसाम लब्बाफ-खानिकी ने कहा कि ये खोज काफी विशेष है। ये अवशेष रोबत-ए-सेफिद/बजेह हूर गांव के पास एक साइट में हो रही खुदाई में मिले हैं। इस खुदाई में भित्ति चित्रों और प्लास्टरवर्क के साथ एक अग्नि मंदिर के अवशेषों का पता चला है। खानिकी ने कहा कि इन अवशेषों को देखकर वह भी दंग रह गए, इसके जरिए प्राचीन ईरानी कला इतिहास का एक नया अध्याय खुलकर सामने आ सकता है
1800 साल पुराने हो सकते हैं अवशेष
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पुरातत्व विभाग की टीम के मुताबिक ये अवशेष सासानी साम्राज्य के एक अग्नि मंदिर के अवशेष हो सकते हैं जो कि 1500 से 1800 साल पुराने हो सकते हैं। वहीं इसके साथ ही टीम को प्राचीन चित्रकला से जुड़ी कुछ चीजें भी मिली हैं, जो काफी शानदार बताई जा रही हैं। खोज के दौरान जिओमेट्रिक प्लांट से सजे हुए प्लास्टरवर्क के कई शानदार टुकड़े भी मिले हैं। पुरातत्वविद मीसम लब्बाफ खानिकी ने कहा कि इस साइट से जो भी खोज की गई हैं, यह सासानी साम्राज्य के दौरान ईरानी कला के इतिहास का एक नया अध्याय है।
2014 से पुरातत्विद कर रहे सर्वे
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पुरातत्वविद ने समझाया कि खुदाई में मिले अग्नि मंदिर में एक समय पर हीपोस्टाइल हॉल रहा होगा। पुरातत्वविद ने आगे कहा कि उस समय पर मंदिर का यह हॉल धनुषाकार ईंटों से निर्मित होगा और अलग-अलग तरह की नक्काशी से सजा हुआ रहा होगा। लब्बफ-खानिकी ने उल्लेख किया कि इस हॉल के प्रत्येक स्तंभ को उत्कृष्ट प्लास्टर वाले जोड़ से सजाया गया था। मालूम हो कि साल 2014 से पुरातत्वविद सासानी साम्राज्य के स्मारक की अच्छी तरह से स्टडी करने के लिए अलग-अलग सर्वे कर रहे हैं। इन सभी सर्वो में स्मारक की अच्छी तरह से जांच की जा रही है।
ईरानी इतिहास में खास महत्व रखता है सासानी काल
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सासानी काल का ईरानी इतिहास में खास महत्व है। सासानी तीसरी सदी से सातवीं सदी तक ईरान के इतिहास में सबसे प्रभावशाली शासकों में से एक हैं। इनका स्थान ईरान में हख़ामनी वंश के बाद सबसे सशक्त शासक वंशों में गिना जाता है। सासानी काल में पारसी आर्किटेक्चर और आर्ट्स का पुनरुद्धार भी किया गया। प्राचीन ईरान में सासानी साम्राज्य के दौरान जो भी काम किया जाता था, वह पहलवी में होता था। यह सासानी साम्राज्य की भाषा थी और उस साम्राज्य से आने वाले सभी लोग इसी का इस्तेमाल करते थे।
सऊदी अरब में मिला था 8000 साल पुराना मंदिर
इससे पहले पुरातत्विदों ने सऊदी अरब में 8000 हजार साल पुराना मंदिर खोजा था। मंदिर का अवशेष जहां मिले वो स्थान रियाद के दक्षिण में स्थित है। मंदिर के अवशेषों से जानकारी मिलती है कि उस समय जो लोग यहां पर रहते थे वो पूजा-अनुष्ठान करते थे। बताया जा रहा है कि इस मंदिर के लिए पत्थर तुवैक पर्वत की चट्टानों को काट कर लाए गए थे। इस खोज ने पूरे विश्व की पुरातात्तविक मान्यताओं को बदला है। एक तो 8000 साल पहले अरब के रेगिस्तान में एक उन्नत सभ्यता थी, जो भवन निर्माण की कला से परिचित थी। उसे पत्थरों का उपयोग मालूम था और वह मूर्ति-पूजक थी।
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