जब आपका स्मार्टफोन तब्दील हो जाएगा 'स्मार्ट डॉक्टर' में!
वाशिंगटन। आपके हाथ में मौजूद स्मार्टफोन जिसका प्रयोग आप अक्सर बात करने, चैटिंग,या फिर सोशल नेटवर्किंग के लिए करते हैं, आने वाले कुछ दिनों में आपके लिए एक 'स्मार्ट डॉक्टर' के किरदार में आपको नजर आएगा।
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं कि कैसे एक एप के जरिए आपकी हालत को डायग्नोस किया जा सके और कैसे रोजाना आपके स्वास्थ्य पर एक नजर रखी जा सके। ताकि आपको पहले ही उसका पता चल जाए और आप समय पर इलाज करा सकें।
सर्दी और जुकाम का चलेगा पता
ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी में सांस से जुड़ी बीमारियों और इसके समाधान को स्मार्टफोन के जरिए बताने पर काम कर रही है। यहां पर मौजूद मेडिकल रिसर्चर्स के मुताबिक सांस से जुड़ी बीमारियां का सीधा संबंध मरीज के कफ से होता है।
चार से पांच तरह के कफ के आधार पर एप में एक ग्राफ बनता है। इस ग्राफ के जरिए एप कफ के पैटर्न का पता लगाएगी और फिर वह आपको इसके प्रकार और इसकी गंभीरता के बारे में आगाह करेगी। डॉक्टरों की ओर से अगले वर्ष तक इसका एक वर्जन रिलीज किया जा सकता है।
मूड बदलेगा तो एप बताएगी बीमारी
अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के रिसर्चर्स एक खास तरह की एप को डेवलप करने पर काम कर रहे हैं। यह रिसर्चर्स जिस एप को विकसित करने की कोशिशों में लगे हैं वह फोन कॉल के दौरान व्यक्ति की आवाज, उसके बात करने के तरीकों में बदलाव और इस तरह के खास बिंदुओं पर नजर रखेगी।
जैसे ही एप को यह सिग्नल मिलेगा कि व्यक्ति का मूड अचानक से बदलता है और वह अजीब तरह से बर्ताव करता है, एक अलर्ट आ जाएगा। इस एप का पायलट स्टडी पूरी हो चुकी है। इस पायलट स्टडी में एप ने टाइप वन बायपोलर डिसऑर्डर को ठीक से पहचाना है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष तक इसे लांच कर दिया जाएगा।
खर्राटों से पता लगेगी बीमारियां
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स स्लीप एपनिया का पता लगाने से जुड़ी बीमारी के लिए एप को डेवलप करने का काम कर रहे हैं। यह वह बीमारी होती है जिसमें सोते सोते अचानक सांस रुक जाती है।
यह एप फोन के स्पीकर के जरिए किसी व्यक्ति के खर्राटे लेने के तरीकों पर नजर रखेगी। इसके बाद एक ग्राफ के जरिए पता लग सकेगा कि व्यक्ति को फिलहाल स्लीप एपनिया है या नहीं। फिलहाल इस एप का लैबॉरेट्री ट्रायल ही शुरू हो सका है।