Antonio Guterres दोबारा बने संयुक्त राष्ट्र महासचिव, भारतीय विदेश मंत्री ने दी बधाई
एंटोनियो गुटेरेस को दोबारा संयुक्त राष्ट्र का महासचिव बनाने के लिए भारत ने उनके नाम का खुला समर्थन किया था। पिछले महीने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एंटोनियो गुटेरेस से न्यूयॉर्क में मुलाकात की थी।
नई दिल्ली, जून 19: पूर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री रहे एंटोनियो गुटेरेस को फिर से संयुक्त राष्ट्र का महासचिव नियुक्त किया गया है। गुतारेस का दूसरा कार्यकाल अगले साल एक जनवरी से शुरू होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी 193 देशों ने एक मत से गुतारेस के नाम पर सहमति दे दी और फिर सर्वसम्मति से उन्हें लगातार दूसरा कार्यकाल सौंपा गया है।
UN महासभा अध्यक्ष ने किया ऐलान
यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने एंटोनियो गुटेरेस के फिर से संयुक्त राष्ट्र महासचिव बनने का ऐलान किया और कहा कि एंटोनियो गुटेरेस को दोबारा संयुक्त राष्ट्र का महासचिव घोषित किया जाता है। एंतोनियो गुतारेस का दूसरा कार्यकाल एक जनवरी 2022 से शुरू होगा और31 दिसंबर 2026 को उनका कार्यकाल खत्म होगा। वहीं, एंटोनियो गुटेरेस को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बोजकिर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में मंच पर शपथ दिलवाई।
भारत ने दिया खुला समर्थन
एंटोनियो गुटेरेस को दोबारा संयुक्त राष्ट्र का महासचिव बनाने के लिए भारत ने उनके नाम का खुला समर्थन किया था। पिछले महीने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एंटोनियो गुटेरेस से न्यूयॉर्क में मुलाकात की थी और उन्हें अपना समर्थन दिया था। वहीं, एंटोनियो गुटेरेस को दोबारा चुने जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्री ने ट्विट करते हुए उन्हें बधाई दी है और कहा कि यूनाइटेड नेशंस का महत्व आज के दौर में काफी ज्यादा बढ़ गया है और भारत यूनाइटेड नेशंस के साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों, जैसे भुखमरी, कुपोषण और कोविड-19 जैसी समस्याओं के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है।
पुर्तगाल के पीएम थे एंतोनियो गुतारेस
आपको बता दें कि एंटोनियो गुटेरेस ने एक जनवरी 2017 को यूनाइटेड नेशंस के महासचिव पद का कार्यभार संभाला था और इस साल 31 दिसंबर को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। 1 जनवरी 2022 से एंटोनियो गुटेरेस का दूसरा कार्यकाल खत्म होगा और यूनाइटेड नेशंस के सभी सदस्य देशों ने एंटोनियो गुटेरेस के नाम पर सहमित जताई थी। एंटोनियो गुटेरेस पूर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं और वो 2005 से 2015 तक यूनाइटेड नेशंस के पहले शरणार्थी उच्चायुक्त भी रह चुके हैं।
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