आखिर क्यों अमेरिका में रह रही मुसलमान सीख रही सेल्फ डिफेंस
न्यूयॉर्क। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों से पहले इस्लाम और वहां बसे मुसलमानों को लेकर जो बहस छिड़ी है, उसका अब असर नजर आने लगा है। यहां पर रह रही मुस्लिम महिलाओं में इस तरह की बयानबाजी की वजह से डर और घबराहट की फीलिंग है।
हो सकता है महिलाओं पर हमला
महिलाओं को इस बात का डर है कि जिस तरह से इस्लाम के खिलाफ एक माहौल तैयार किया जा रहा है, उसकी वजह से उनके साथ कोई भी हादसा हो सकता है। इन हादसों से बचने के लिए अब महिलाओं ने सेल्फ डिफेंस का सहारा लिया है।
पिछले दिनों यहां पर एक वर्कशॉप लांच की गई है जिसमें करीब 20 महिलाएं शामिल हैं। इस वर्कशॉ को इजिप्ट अमेरिकन रानाा एब्देलहमीद ने लांच किया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा अमेरिकियों से नफरत कराना सीखाता है इस्लाम
मार्शल आर्ट और कराटे की ट्रेनिंग
इस वर्कशॉप में लड़कियों को मार्शल आर्ट से लेकर सेल्फ डिफेंस के लिए जरूरी दूसरे टेक्निक्स के बारे में बताया जा रहा है।
पिछले वर्ष जब रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया था कि मुस्लिमों को अमेरिका में आने से रोक देना चाहिए, उसके बाद से ही यहां पर डर का माहौल है।
राष्ट्रपति ओाबामा पहुंचे पहली बार किसी अमेरिकी मस्जिद में
राना कहती हैं कि किसी भी समय उन पर हमला हो सकता है और कहीं भी। उन्होंने यह भी कहा कि हिजाब की वजह से मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाना ज्यादा आसान हो सकता है।
तीन गुना बढ़े हमले
काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (सीएआईआर) का कहना है कि पिछले वर्ष नवंबर में जब पेरिस में आतंकी हमला हुआ और उसके बाद दिसंबर में कैलिफोर्निया के सैन बर्नाडिनो में फायरिंग की घटना हुई, तब से मुस्लिम नागरिकों पर होने वाले हमलों में तीन गुना इजाफा हुआ है। इन हमलों में 80 प्रतिशत पीड़ित महिलाएं हैं।