रिसर्च: ट्विटर पर हर 30 सेकेंड में एक महिला होती अभद्रता का शिकार
नई दिल्ली। हाल ही एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा जारी की एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि, पिछले साल ट्विटर पर अमेरिका और यूके में हर तीस सेकेंड़ में एक महिला धमकी, गाली और अभद्रता की शिकार होती है। सोशल मीडिया पर शिकार होने वाली महिलाओं में अधिकतर जर्नालिस्ट और राजनीतिज्ञ हैं। एमनेस्टी के मुताबिक ट्विटर महिलाओं के लिए एक जहरीली जगह है। ऑनलाइन अभद्रता की शिकार हुई महिलाओं के लेकर की जाने वाली एक बड़ी स्टडी है।
महिलाओं को 1.1 मिलियन अपमानजनक या अभद्र ट्वीट भेजे गए
एमनेस्टी के मुताबिक, पिछले साल महिलाओं को 1.1 मिलियन अपमानजनक या अभद्र ट्वीट भेजे गए थे। इसका अगर औसत निकाला जाए तो हर तीस सेकेंड़ में एक महिला ट्विटर पर गालियों की शिकार होती है। मंगलवार को, गैर-सरकारी मानवाधिकार संगठन ने ट्विटर पर महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न में एक रिपोर्ट जारी की। जिसमें पाया गया कि सफेद रंग की महिलाओं की तुलना में काले रंग की महिलाएं 34 प्रतिशत अधिक घृणास्पद भाषा की शिकार होती हैं। ऑनलाइन अभद्रता की शिकार होने वाली 84 प्रतिशत महिलाएं काले रंग की हैं।
778 महिला के ट्विटर अकाउंट को आधार पर किया गया सर्वे
150 देशों के 6,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने एमनेस्टी के 'ट्रोल पेट्रोल' प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया। इस प्रोजेक्ट में ऑनलाइन अभद्रता को लेकर बड़े पैमाने पर डाटा इकट्ठा किया गया। इन वॉलिंटियर्स ने 228000 ट्विट्स को निकाला जो 778 महिला नेताओं और पत्रकारों को अमेरिका और यूके में साल 2017 में भेजे गए थे। एमनेस्टी ने यह स्टडी एक ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट कंपनी "एलीमेंट एआई" के साथ मिलकर की है।
TRAI की वजह से 29 दिसंबर के बाद TV देखना पड़ेगा महंगा, बढ़ेगा केबिल का बिल
गोरी महिलाओं के अपेक्षा काली महिला ज्यादा होती है शिकार
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ प्रयोग की गई अपमानजनक सामग्री ट्विटर के अपने नियमों का उल्लंघन करती है। इस अध्ययन में ऐसे ट्वीट्स शामिल हैं जो हिंसा को बढ़ावा देते हैं या लोगों को उनकी जाति, राष्ट्रीय मूल, यौन अभिविन्यास, लिंग, लिंग पहचान, धार्मिक संबद्धता, आयु, अक्षमता या गंभीर बीमारी के आधार पर धमकी देते हैं। रिपोर्ट के जवाब में ट्विटर के कानून और सुरक्षा के प्रमुख विजया गाड्डे ने एक बयान में कहा कि, ट्विटर के हेल्थ को नपाने के लिए हम देखते है कि, कैसे इस प्लेटफॉर्म पर एक हेल्दी डिबेट और बातचीत को बढ़ावा दिया जा सकता है। हम असामाजिक चीजों को हटाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। हम इस संबंध में प्रगति की दिशा में सार्वजनिक रूप से उत्तरदायी होने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
गुजरात सरकार का ग्रामीण इलाकों के 650 करोड़ के बिजली बिल माफ करने का ऐलान