साउथ चाइना सी में आमने-सामने आए चीन और अमेरिका के जंगी जहाज, फिर जानिए क्या हुआ
ट्रेड वॉर के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इसी तनाव के मध्य ही साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन के जंगी जहाज एक दूसरे के सामने आ गए थे। चीन के पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी की वॉरशिप लुयांग और अमेरिका का डेस्ट्रॉयर यूएसएस डेकाटर आमने-सामने आ गए थे।
वॉशिंगटन। ट्रेड वॉर के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इसी तनाव के मध्य ही साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन के जंगी जहाज एक दूसरे के सामने आ गए थे। चीन के पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी की वॉरशिप लुयांग और अमेरिका का डेस्ट्रॉयर यूएसएस डेकाटर आमने-सामने आ गए थे। अमेरिकी अधिकारी ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी और इसे 'असुरक्षित और अनप्रोफेशनल' करार दिया है। यूएसएस डेकाटर एक गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयल है और रविवार को यह अमेरिकी मिलिट्री के एक खास मिशन पर था।
चीनी जहाज ने दी अमेरिकी जहाज को धमकी
इस मिशन को मिलिट्री ने 'फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन' नाम दिया था। यह डेस्ट्रॉयर स्पार्टली आइलैंड के गेवेन और जॉनसन के बीच करीब 12 नॉटिकल मील तक पहुंच चुका था। 12 नॉटिकल मील की दूरी पार करने पर देश इस घटना को घुसपैठ के तौर पर नहीं करते हैं। साउथ चाइना सी में आने की वजह से, चीन स्पार्टली आईलैंड पर अपना दावा जताता है। अमेरिकी नौसेना के खास ऑपरेशन के दौरान ही चीन का डेस्ट्रॉयल लुयांग, अमेरिकी डेस्ट्रॉयर के सामने आ गया। यूएस पैसिफिक फ्लीट के स्पोक्समैन कमांडर नेट क्रिस्टेनसन के मुताबिक चीनी डेस्ट्रॉयर का रवैया काफी असुरक्षित और अनप्रोफेशनल था। उन्होंने बताया कि चीनी जहाज ने इसके बाद एक के बाद एक कई आक्रामक पैतरों को अंजाम दिया। साथ ही अमेरिकी डेस्ट्रॉयर को उस इलाके से चले जाने की वॉर्निंग भी दी। क्रिस्टेनसन के मुताबिक चीनी डेस्ट्रॉयर, अमेरिकी डेस्ट्रॉयर डेकाटर के 45 यार्ड तक आ गया था। इसके बाद डेकाटर ने टकराव से बचने के लिए अपनी चाल बदल ली थी। जनवरी 2017 में जब से बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस पहुंचे हैं तब से ही अमेरिका और चीन के रिश्तों में तनाव जारी है।