भारत के साथ लद्दाख में भिड़े चीन के लिए प्रशांत महासागर में तैनात अमेरिकी जहाजों ने ड्रैगन की बढ़ाई मुसीबत
भारत के साथ लद्वाख में भिड़े चीन के लिए प्रशांत महासागर में तैनात अमेरिकी जहाजों ने ड्रैगन की बढ़ाई मुसीबत
नई दिल्ली। चीन जो भारत की लद्वाख की पूर्वी सीमा को लेकर उलझा हुआ हैं और बड़ी समस्या बनता जा रहा लेकिन चाइना अब अपने आक्रामक चाल के कारण बुरा फसता नजर आ रहा हैं। भारत के साथ लद्दाख में भिड़ा हुआ चीन अब प्रशांत महासागर में अपने वर्चस्व को लेकर चिंतित हो चुका है। यही कारण है कि अब उसका ध्यान अब प्रशांत महासागर की ओर जा रहा हैं क्योंकि उसे अमेरिकी नौसेना के इस महासागर में तीन बड़े जहाजों की तैनाती खल रही हैं।
प्रशांत महासागर में अमेरिकी युद्ध जहाजों और सैनिकों की बढ़ती तैनाती डरा रही
बता दें पहले से ही महासागर में समुद्री युद्धपोतों की संख्या अधिक हैं वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि एशिया में अमेरिकी सेना की उपस्थिति बढ़ाई जा रही है। यही कारण है बिजिंग में बैठे चाइना के ड्रैगन को एक तरफ लद्दाख में अपनी सेना की चिंता हो रही वहीं दूसरी ओर प्रशांत महासागर में अमेरिकी युद्ध जहाजों और सैनिकों की बढ़ती तैनाती डरा रही है। बता दें तीन साल पहले उत्तर कोरिया के साथ विवाद शुरू होने पर तीन अमेरिकी जहाज प्रशांत महासागर में उतरे थे। हालांकि अमेरिकी नौसेना के जहाजों की तैनाती न केवल भारत-चीन सीमा पर तनाव के कारण हुई है, बल्कि यह निश्चित रूप से चीन के बड़े रणनीतिक हेरफेर का हिस्सा बन गया है।
विशेषज्ञ ने बताई ये बात
नौसेना के विशेषज्ञ उप-एडमिरल अनिल चोपड़ा, जो पूर्व में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रह चुके हैं उन्होंने कहा कि नौसेना के आंदोलन के साथ चीजें आगे बढ़ती हैं। यह एक संदेश भेजता है जब आप उन्हें संघर्ष क्षेत्रों में ले जाते हैं। चीन इस बात की चिंता करेगा कि वे क्या कर सकते हैं और न कि वे वास्तव में क्या कर रहे हैं।
जानिए क्यों हैं भारत के हित में इन अमेरिकी जहाजों की तैनाती
मालूम हो कि एक अमेरिकी जहाज प्रशांत तट से दूर है, जबकि दूसरा फिलीपींस के पास है और तीसरा थियोडोर रूजवेल्ट वियतनाम जा रहा है। अमेरिकी नौसेना की तैनाती, जबकि मूल रूप से चीन-भारतीय सीमा पर घटनाओं से प्रेरित नहीं है, ये आवश्यक रुप से चीन के बड़े टेंशन का हिस्सा बन गया है। यूएसएस रूजवेल्ट एक सुपरकार है, जो भारत और चीन के जहाजों से तीन गुना बड़ा है। इसके युद्धक्षेत्र में क्रूज़र, विध्वंसक स्क्वाड्रन और पनडुब्बी शामिल हैं। बता दें पूर्वी हिंद महासागर में विमान जहाज भेजकर, अमेरिका चीन और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ दो मोर्चों को खोलने से रोक सकता है।
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